रांची(RANCHI): झारखंड के आईएएस अधिकारियों के लिए मई का महीना अब शुभकारी नहीं दिख रहा है. मई आते-आते IAS अधिकारियों की शामत आ जाती है. पिछले साल की बात करें तो झारखंड की कद्दावर IAS अधिकारी पूजा सिंघल के यहां ईडी का छापा पड़ा था, जिसमें बड़ी मात्रा में पैसे की बरामदगी हुई थी. लंबे पूछताछ के बाद पूजा सिंघल अरेस्ट कर ली गई थीं. अभी भी वे होटवार जेल में हैं और उनको जमानत का इंतजार है.
पूजा सिंघल के बाद आईएएस छवि रंजन को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी मई महीने में ही हुई है. छवि रंजन जो कि बहुत ही चर्चित आईएएस अधिकारी हैं और वे एक नए अधिकारी के रुप में झारखंड आए थे. मई आते आते 4 मई को उनकी भी गिरफ्तारी हो गई. अब इसे मई का टोटका समझे या कोई और खेल. लेकिन इतना तो साफ है कि झारखंड में अधिकारियों के लिए मई का महीना दहशत पैदा करने वाला है. मई महीना इन्हें जेल पहुंचा दे रहा है.
दरअसल, झारखंड में सेना की जमीन और अन्य जमीनों की खरीद बिक्री में फर्जीवाड़ा मामले में आईएएस छवि रंजन को ईडी ने गिरफ्तार किया है. दो दिनों की पूछताछ और कई सारी छापेमारी के बाद ईडी ने 4 मई को आईएएस छवि रंजन को गिरफ्तार किया है.
वहीं अगर पूजा सिंघल की बात करें तो उनके खिलाफ भी पिछले साल मई में ही ED ने शिकंजा कसा था. मामला अवैध खनन से जुड़ा था. पूजा सिंघल के रांची स्थित सरकारी आवास सहित इनके पति और CA के ठिकानों पर पांच मई 2022 को ईडी ने एक साथ दबिश बनाया था. इस छापेमारी में पूजा सिंघल के CA सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से अधिक नगद बरामद हुआ था. इसके अलावा कई दस्तावेज ED के हाथ लगे थे. इस छापेमारी के बाद आईएएस पूजा सिंघल से लंबी पूछताछ चली. आखिरकार सभी सवालों का जवाब पूजा नहीं दे पाई. जिसके बाद 11 मई को उन्हें जेल भेज दिया गया. और अभी तक पूजा सिंघल जेल में ही हैं.
पिछले साल पूजा सिंघल को जब गिरफ्तार किया गया था तो किसी को क्या पता था कि झारखंड के एक और आईएएस अधिकारी जेल जाने वाले हैं. संयोग ऐसा बैठा कि दोनों ही अधिकारी मई महीने में ही जेल गए. इस कारण माना जा रहा है कि झारखंड के आईएएस अधिकारियों के लिए मई महीना कुछ अशुभ सा है और उन्हें इस महीने में कुछ खास सतर्क रहने की जरूरत है.
आईएएस छवि रंजन से जुड़ा क्या है मामला
झारखंड में जमीन से जुड़े माफिया का धंधा रांची समेत पूरे झारखंड में पिछले डेढ़- दो दशक में खूब पनपा है. पिछले साल से ही ईडी के द्वारा जमीन से जुड़े मामलों में ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को ऐसे डेढ़ सौ से अधिक जमीन के मामले मिले हैं जिन पर प्रारंभिक जांच चल रही है. कौड़ियों के दाम जमीन खरीदने वाले ऐसे राजनेता, अधिकारी और व्यवसाई सभी जांच के दायरे में हैं. धीरे-धीरे ईडी और आईटी अपनी जांच का दायरा बढ़ा रहे थे. इसी बीच सेना की जमीन का मामला जांच के दायरे में आया. जिसमें पूर्व डीसी छवि रंजन समेत कई लोगों का नाम सामने आया. इसके बाद पूछताछ का दौर शुरू हुआ. और इस मामले में सात लोगों की गिरफ़्तारी हुई.
फिर ईडी के शिकंजे में आए आईएएस
13 अप्रैल को आईएएस छवि रंजन के 22 ठिकानों पर ED ने छापेमारी की. इस छापेमारी में ED ने कई अहम दस्तावेज बरामद किए. इसके बाद छवि रंजन को समन भेज कर 21 अप्रैल को पूछताछ के लिए ED ने अपने दफ्तर बुलाया. छवि छुट्टी पर होने का हवाला देकर ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. छवि के वकील ने ईडी कार्यालय पहुंच कर समय की मांग की थी लेकिन ईडी की ओर से इनके मांग को अस्वीकृत करते हुए शाम चार बजे तक हाजिर होने का आदेश दिया गया. फिर भी छवि नहीं आये. आखिरकर ईडी ने दोबारा से समन भेज कर 24 अप्रैल को हाजिर होने का आदेश दिया. इस समन पर छवि 24 अप्रैल को 10.43 मिनट में पहुंच गए. ईडी दफ्तर में इनसे लंबी पूछताछ हुई. इस पूछताछ में कई जानकारियां मिली. इसके बाद फिर चार मई को ईडी ने बुलाया. ईडी दफ्तर में छवि को लंबी पूछताछ के बाद रात 10 बजे इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके बाद ED की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से उन्हें होटवार जेल भेज दिया गया.
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