लोहरदगा(LOHARDAGA):लोहरदगा जिला के किसान अपने भविष्य में सुगंध फैलाने का कार्य कर रहे हैं. समय के साथ इन किसानों ने अपनी जमीन पर धान,गेंहू,मटर के अलावा अब फूलों की खेती शुरु कर दी है. ताकि लोहरदगा की फिजां हमेशा सुगंधित रहे. लोहरदगा जैसे छोटे जिला में पहले पूजा के लिए फूल कोलकाता से मंगाया जाता था, लेकिन पठार से घिरा छोटा जिला अब अपनी गोद में गेंदा खिला रहा है. कभी नक्सलवाद की पहचान को लेकर चलने वाला लोहरदगा अब अपने तिलक पर फल फूल लिए खड़ा है.
लोहरदगा के किसान फिजा में फैला रहे है गेंदा फूल का सुगंध
गांव की महिलाओं को कहना है कि मनरेगा के अलावे उन्हें इस फूल की बगिया में काम करने को मिलता है. ऐसे में रोज़गार अब अपने गांव में ही मुहैया हो जा रहा है. अब इन्हें पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ती है. गांव की फिजां भी सुगंधित हो रही और ग्रामीणों को रोज़गार भी उपलब्ध हो जा रहा है. अपने खेत में फूल की खेती करने वाले किसान शंभू सिंह का कहना है कि गर्मी के बाद यह दुसरी बार इन्होंने गेंदा फूल की खेती की है, जो आने वाले समय में और बढ़ेगा.गेंदा की खेती से इनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है. वर्तमान समय में आनेवाले दीपावली,छठ और काली पूजा को लेकर गेंदा का डिमांड बहुत बढ़ गया है.
बन रहे है आर्थिक रुप ले सशक्त
वहीं जिला उधान पदाधिकारी ने बताया कहा कि लोहरदगा जिला के चिरी और रामपुर गांव में गेंदा फूल की खेती व्यापक रूप में की जा रही है.जो जिलेवासियों के लिए एक उदाहरण पेश कर रहा है. डीसी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि किसान अपने फूलों की खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जिला प्रशासन उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगा.
रिपोर्ट- गौतम लेनिन
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