पलामू (PALAMU) : झारखंड की महिलाओं के लिए शुरू की गई 'मइयाँ सम्मान योजना' अब 'मइयाँ परेशान योजना' बन गई है. हुसैनाबाद हरिहरगंज के विधायक और एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने इस योजना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार का हड़बड़ी में लिया गया यह फैसला महिलाओं के लिए मुसीबत बन गया है. कमलेश सिंह ने कहा कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में महिलाएं अपना घर-बार छोड़कर पंचायत सचिवालयों का चक्कर लगा रही हैं, फिर भी उनका आवेदन अपलोड नहीं हो पा रहा है.
सरकार से की अपील
साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की है कि अगर मुख्यमंत्री इस योजना को ईमानदारी के साथ लागू करना चाहते हैं. तो उन्हें सर्वजन पेंशन योजना,मातृत्व वंदना योजना एवं सावित्री बाई फुले योजना की तर्ज पर ऑफलाइन आवेदन की व्यवस्था करनी चाहिए. आंगनबाड़ी सेविका, पंचायत सचिव या मुखिया के द्वारा आवेदन लेने की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए. ताकि महिलाओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
सरकार की ऑनलाइन नीति पर उठाया सवाल
सरकार की ऑनलाइन नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार हर काम ऑनलाइन करना चाहती है. लेकिन इसके मुताबिक व्यवस्था नहीं करती. उन्होंने सुझाव दिया कि जागरूकता रथ चलाने और बड़े-बड़े विज्ञापन देने की जगह बेहतर पोर्टल का निर्माण कराना चाहिए था. मईयां सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए गांव और शहर की महिलाएं आवेदन के साथ शिविरों में दिन गुजार रही हैं और शाम होने के बाद निराश अपने घर वापस लौट रही हैं. विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि जिस उद्देश्य से हेमंत सोरेन ने इस योजना को आनन-फानन में लॉन्च किया था. वह विफल हो गया है. खेती-बाड़ी का समय होने की वजह से उनका काफी नुकसान भी हो रहा है.
मइया सम्मान योजना ने महिलाओं के जीवन में ला दिया परेशानी- कमलेश
सिंह ने सरकार से आग्रह किया है कि वह तुरंत इस स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाए. ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया को लागू कर महिलाओं को राहत पहुंचाए और योजना के असली उद्देश्य को पूरा करे. इस प्रकार, 'मइयां सम्मान योजना' ने महिलाओं के जीवन में सम्मान के बजाय परेशानी और निराशा का भाव ला दिया है. सरकार को जल्द से जल्द इस स्थिति का समाधान निकालना चाहिए ताकि महिलाओं को राहत मिल सके और योजना का सही लाभ उन तक पहुंच सके.
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