धनबाद(DHANBAD): मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़े की परत प्याज के छिलके की भांति खुलने लगी है. कहीं दोहरा लाभ लेने का मामला सामने आ रहा है, तो कहीं पुरुष इस योजना का लाभ उठा रहे है. कसमार प्रखंड में मंईयां सम्मान योजना में पुरुष लाभुक द्वारा हेराफेरी कर लाभ लेने के मामले में प्राथमिकी के बाद और तीन पुरुष लाभुकों के नाम भौतिक सत्यापन के दौरान सामने आए है. बताया जाता है कि इन तीनों पुरुष लाभुकों ने एक- एक हज़ार करके चार किस्त में ₹4000 तथा ढाई हजार रुपए करके एक माह का क़िस्त ढाई हजार अपने बैंक खाते में प्राप्त किया है. यानी कुल मिलाकर 6500 खाते में प्राप्त किया है. हालांकि यह भी जानकारी निकल कर आई है कि तीनों ने मंईयां योजना के तहत प्राप्त पांचो किस्त की कुल 6500 की राशि प्रखंड नजारत में सरेंडर कर दिया है. उसमें से एक व्यक्ति गर्री पंचायत के किसी बुजुर्ग व्यक्ति के नाम पर बने प्रज्ञा केंद्र में काम करता है.
आवेदन में कई तरह से फर्जीवाड़ा करने का हो रहा खुलासा
बताया जाता है कि मंईयां सम्मान योजना के अयोग्य लाभुकों की जांच के दौरान कई आवेदन ऐसे मिले, जिनमें आवेदक का नाम एक था, लेकिन पिता या पति का नाम अलग-अलग थे. एक ही लाभुकों के दो-तीन बैंक खाता दिख रहे थे. कुछ ऐसे लाभुक मिले, जिन में दो लाभुकों के आवेदन में पति की जगह एक ही व्यक्ति का नाम लिखा था. इस तरह से फर्जीवाड़े के खुलासे हो रहे है. यह भी बताया जा रहा है कि अभी योजना की वेबसाइट बंद है. इसके खुलने के बाद आगे जांच होगी, इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है. चुनाव के पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि दिसंबर महीने से सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर ढाई हजार कर दी जाएगी. उसके बाद सूत्र बताते है कि लोगों ने फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी.
वेबसाइट खुलने के बाद जब जांच आगे बढ़ेगी ,तो और भी खुलासे हो सकते है.
सूत्र यह भी बताते हैं की वेबसाइट खुलने के बाद जब जांच आगे बढ़ेगी ,तो और भी खुलासे हो सकते है. राज्य सरकार ने 5225 करोड रुपए झारखंड के 24 जिलों के बीच आवंटित किया था . सूत्रों के अनुसार 5225 करोड रुपए चालू वित्तीय वर्ष के चार माह की अवधि के लिए आवंटित हुई थी . यह राशि जिलों में रजिस्टर्ड लाभुकों के खाते में भेजी गई है. जानकारी के अनुसार लाभुकों की संख्या को देखते हुए सबसे अधिक राशि गिरिडीह जिले को आवंटित हुई थी . रांची दूसरे स्थान पर थी . सबसे कम राशि सिमडेगा जिले को आवंटित हुई थी . धनबाद को 353.76 करोड़ की राशि का आवंटन हुआ था . सबसे अधिक राशि गिरिडीह को 423. 61 करोड़, रांची को 419.93 करोड़, सिमडेगा को 83.58 करोड़ का आवंटन हुआ था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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