टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले लॉन्च हुई मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई. इस योजना के जरिए चुनाव में महिलाओं को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाया. जिसका परिणाम हेमंत सोरेन दुबारा सत्ता में काबिज हुए. चुनाव के नतीजे के पहले हेमंत सोरेन ने इस योजना की राशि बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ये योजना सरकार के लिए ही सिर दर्द बन गया है. सरकार का ज्यादा समय मंईया योजना के लिए फंड जुटाने में खर्च हो रहे हैं. इस योजना के शुरूआत यानी 1000 से लेकर 2500 रुपये होने तक काफी बदलाव हुए है.
जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से लेकर अबतक कभी खुशी तो कभी आक्रोश को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है. योजना की शुरूआत झारखंड की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से किया गया. लेकिन इसपर राजनीति भी खूब हुई. हेमंत सोरेन पर वादा खिलाफी का आरोप लगा. मंईयां सम्मान योजना की पांचवी किस्त सरकार ने 11 दिसंबर से देने का ऐलान किया था, लेकिन किसी के खाते में पैसे नहीं पहुंचे. बीजेपी ने इसे लेकर सवाल भी उठाया तो झामुमो ने बचाव करते हुए बीजेपी को कटघरे में खड़ा करने का काम किया.
अगस्त 2024 में शुरू हुई थी मंईयां सम्मान योजना
1 अगस्त 2024 से मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत हुई थी. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन की प्रकिया शुरू की गई. जब ये योजना शुरू हुई थी तब 21 वर्ष से लेकर 49 साल की महिलाओं को लाभ दिया था. जिसके तहत अगस्त से नवंबर तक करीब 55 लाख महिलाओं के खातों में एक-एक हजार रुपये की राशि ट्रांसफर भी की गई. लेकिन बाद में इसमें बदलाव करते हुए 18 साल से लेकर 49 साल कर दिया गया.
प्रखंड कार्यालय में बढ़ी मंईयां योजना के लाभुकों की भीड़
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की घोषणा के अनुरूप इसी माह यानी दिसंबर से मंईयां योजना की पांचवीं किस्त की बढ़ी हुई राशि 2500 रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हो सका है. इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. मंईयां योजना के तहत आवेदन में कुछ अनियमितता के कारण अंचल/प्रखंड कार्यालय में लाभुकों की भीड़ उमड़ रही है. भीड़ को नियंत्रित करने में कर्मचारियों को भी पसीना बहाना पड़ रहा है. इधर, पाया गया कि कई लाभुकों की ऑनलाइन एंट्री गलत है. इस कारण भी योजना की राशि उनके खाते में नहीं पहुंच रही है. वहीं, कई लाभुकों का आवेदन जमा करने के बाद भी ऑनलाइन एंट्री नहीं दिख रही है. प्रखंड कार्यालय में भी ऑनलाइन सुधार में काफी परेशानी हो रही है. ऑनलाइन चेक करने पर कई लाभुकों की ऑनलाइन एंट्री नहीं दिख रही है. नये आवेदन के लिए प्रज्ञा केंद्रों में भी महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है.
...और मंईयां योजना को लेकर सख्त हुई हेमंत सरकार
हेमंत सरकार के लिए ‘गेमचेंजर’ मानी गई मंईयां योजना को लेकर सख्त रवैया अपना लिया है. हेमंत सरकार ने निर्देश दिया है कि ‘मंईयां योजना’ की लाभुकों की अब नए सिरे से स्क्रीनिंग की जाए. जिसके जरिए उन लाभार्थियों की पहचान की जाएगी जो इस योजना का लाभ लेने की ‘योग्य’ नहीं हैं. इसके साथ ही अयोग्य लाभार्थियों से राशि की वसूली भी की जाएगी.
इस मामले में रांची के उपायुक्त ने जिले के सभी प्रखंडों के बीडीओ और अंचलों के सीओ को पत्र लिखकर कहा है कि अगर कोई भी लाभुक अयोग्य पाया जाता है तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाए और उसे दी गई राशि भी वसूली की जाए. यहां तक की शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाभुकों के सत्यापन की प्रक्रिया 28 दिसंबर तक पूरी करने का निर्देश दिया है. वहीं राशि वसूली के निर्देश के बाद महिला लाभार्थियों में हड़कंप मचा हुआ है.
मंईयां योजना पर बन गया ‘मंईया मीम्स’
एक तरफ जहां मंईयां योजना के लाभार्थी 2500 रुपये की पांचवीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर मंईयां योजना को लेकर अचानक रील्स और मीम्स की बाढ़ आ गई है. इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. जिसमें एक लड़की कह रही है कि मंईयां योजना की वजह से उसका ब्रेकअप हो गया है.
वहीं दूसरी रील में एक युवक कहता नजर आ रहा है कि 'मंईयां योजना का पैसा खाते में आया तो खुशी हुई, लेकिन मुझे क्या पता था कि इसकी वसूली लड़कों से होगी...मेरी बाइक का 15 चालान कटा है, मेरे पापा को इसकी जानकारी नहीं है. अगर उन्हें पता चल गया तो वो गाड़ी भी नहीं देंगे...वहीं कमेंट सेक्शन में लोग तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं...कह रहे हैं कि ये मंईयां योजना नहीं भैया को चालान भरना पड़ रहा है.
लाखों महिलाओं को पांचवी किस्त का बेसब्री से इंतजार
खैर, मजाक से हटकर बात करें तो राज्य में हजारों महिलाएं अपनी पांचवीं किस्त का इंतजार कर रही हैं. ऐसे में क्या सरकार इस योजना को जल्द ही लाभार्थियों तक पहुंचाएगी या फिर चुनावी वादों की सूची में शामिल होकर रह जाएगी? इसका जवाब तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.
28 दिसंबर को मिल सकती है पांचवीं किस्त की राशि
दरअसल, राज्य के उपायुक्त ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया 28 दिसंबर तक पूरी करने का निर्देश दिया है. ऐसे में जानकारी के मुताबिक उम्मीद है कि 28 दिसंबर को महिलाओं के खातों में पांचवीं किस्त की राशि पहुंच जाएगी. जिसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
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