दुमका(DUMKA):लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान कल यानी 1 जून को होगा. 30 मई की शाम प्रचार प्रसार बंद होने के बाद शुक्रवार को मतदान कर्मियों को मतदान केंद्रों पर रवाना किया जा रहा है. दुमका लोकसभा में लगभग 16 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.लोकसभा क्षेत्र में कुल 1891 जबकि दुमका जिला में कुल 1157 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. दुमका लोकसभा में कुल 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.मुख्य मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन और झामुमो प्रत्याशी नलीन सोरेन के बीच है. भीषण गर्मी के बाबजूद सभी दलों के प्रत्याशी और नेता ने क्षेत्र में जमकर पसीना बहाया.यदि देखें तो चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दे गौण रहे. आरोप प्रत्यारोप के दौर में भावनात्मक मुद्दा हावी रहा. झामुमो और सोरेन परिवार से बगावत कर कमल का दामन थामने वाली बीजेपी सीता सोरेन ने हर मंच पर अपने देवर और देवरानी पर वर्षो से प्रताड़ित करने का आरोप लगा कर स्व. दुर्गा सोरेन के सपनों को साकार करने के लिए जनता के बीच जाकर वोट मंगा.
सीता सोरेन की तीनों बेटियों ने चुनावी मैदान में जमकर पसीना बहाया
वहीं चुनावी मैदान में सीता सोरेन की तीनों बेटियों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया. पीएम नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर इंडी गठबंधन पर करारा प्रहार किया. बीजेपी के स्टार प्रचारकों की बात करें तो इस बार चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी नेता ने शीबू सोरेन का नाम तक नहीं लिया, जबकि पिछले चुनाव तक सोरेन परिवार पर निशाना साधा जाता था. पिता पुत्र पर हमला बोला जाता था. इस बार भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर हेमंत सोरेन और कांग्रेस के नेताओं पर हमला बोला गया.
लोकसभा चुनाव 2024 में कल्पना सोरेन स्टार प्रचारक बनकर उभरी
झामुमो की बात करें तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही नलीन सोरेन, उनकी पत्नी जायस बेसरा, भाई और पुत्र ने क्षेत्र में जमकर पसीना बहाया. पर्दे के पीछे रहकर मंत्री बसंत सोरेन कुशल रणनीतिकार की भूमिका में रहे तो पर्दे के सामने आकर कल्पना सोरेन ने चुनावी सभा मे जमकर दहाड़ लगाई. हेमंत सोरेन का जेल जाने का मुद्दा को आधार बनाकर कल्पना ने मंच से मतदाताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास किया. शुरुवाती दौर में झामुमो संगठनात्मक रूप में चुनाव में कमजोर नजर आयी लेकिन बाद में सुप्रियो सरीखे नेता ने मोर्चा संभाल कर कुछ हद तक भरपायी का प्रयास किया.
जेएमएम को हेमंत सोरेन की कमी महसूस ही
इस चुनाव की खास बात यह भी रही कि पिछले तमाम चुनाव में झामुमो के लिए चुनाव का वार रूम खिजुरिया स्थित शिबू सोरेन आवास हुआ करता था, लेकिन इस चुनाव में वहां बिरानी ही छाई रही. कार्यकर्ताओं को हेमंत सोरेन की कमी भी खली.इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने के बाबजूद कांग्रेस की सहभागिता कोई खास नजर नहीं आयी.नलीन सोरेन के नामांकन को छोड़ दें तो उसके बाद जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक के कांग्रेस नेता प्रचार प्रसार में कहीं नजर नहीं आए.
अब 4 जून को ही सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि दुमका लोक सभा क्षेत्र में सीता सोरेन और नलीन सोरेन के बीच कांटे की टक्कर है. चुनाव परिणाम 4 जून को पता चलेगा लेकिन उसके पहले 1 जून को मतदाताओं की बारी है. प्रजातंत्र के इस महापर्व में मतदाता बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें, The News Post की भी यही अपील है.
रिपोर्ट-पंचम झा
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