धनबाद(DHANBAD): धनबाद से सटे पश्चिम बंगाल के बर्दवान दुर्गापुर सीट से तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कीर्ति आजाद पर धनबाद की नजर टिकी हुई है. कीर्ति आजाद 2019 में कांग्रेस के टिकट पर धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के पशुपतिनाथ सिंह के हाथों उनकी करारी हार हुई थी. 2024 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर कीर्ति आजाद बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार है. बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट पर हिंदी भाषी की संख्या अच्छी खासी है. इस वजह से तृणमूल कांग्रेस ने बिहार मूल के कीर्ति आजाद पर दांव लगाया है. भाजपा ने इस सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को उम्मीदवार बनाया है. दिलीप घोष की छवि बंगाल में भाजपा को स्थापित करने वाले नेताओं में रही है. दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र है, और यहां बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते है. कीर्ति आजाद को यहां से उम्मीदवार बनाकर ममता दीदी ने हिंदी भाषियों को पार्टी के तरफ झुकाने की रणनीति बनाई है. वैसे, पश्चिम बंगाल का आसनसोल लोकसभा सीट भी धनबाद से बिल्कुल सटा हुआ है.
आसनसोल बिलकुल सटा हुआ है धनबाद से
आसनसोल सीट पर भी धनबाद की नजर इसलिए टिकी हुई है कि यहां से भी दो बिहारी आपस में टकरा रहे है. एक तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर तो दूसरे भाजपा प्रत्याशी के रूप में. आसनसोल धनबाद से बिल्कुल सटा हुआ है और आसनसोल की हर एक राजनीतिक गतिविधियों पर धनबाद की पैनी निगाह रहती है. वैसे पश्चिम बंगाल के दो सीटों मसलन आसनसोल और बर्दवान दुर्गापुर पर तीन बिहारी लड़ रहे है. तीनों बिहारी की किस्मत दांव पर है. आसनसोल से तृणमूल के टिकट पर बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा मैदान में है तो भाजपा की ओर से एसएस अहलूवालिया चुनाव लड़ रहे है. बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट से कीर्ति आजाद तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार है. शत्रुघ्न सिन्हा बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले है. पटना से वह सांसद और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में मंत्री भी रह चुके है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी जगह रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया था. नाराज शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल हो गए और पटना साहिब से उम्मीदवार बने. लेकिन चुनाव हार गए, भाजपा के रविशंकर प्रसाद चुनाव जीते. उसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा बंगाल की तरफ झुके.
बिहारी बाबू ने 2022 का उपचुनाव जीता था
तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए और 2022 के उपचुनाव में टीएमसी ने उन्हें आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया और वह जीत गए. 2024 के चुनाव में दूसरी बार तृणमूल कांग्रेस ने आसनसोल से बिहारी बाबू को चुनाव में उतारा है. यहां भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया को उतरा है. अहलूवालिया भी बिहार के बेगूसराय जिले के मूल निवासी है. उनका घर पटना में भी है. आसनसोल से भी उनका लगाव है. बांग्ला बोलने में माहिर शत्रुघ्न सिन्हा लोगों तक अपनी बात बड़ी आसानी से पंहुचा रहे है. अहलूवालिया भी बांग्ला अच्छा बोलते हैं ,इसलिए वह आसानी से मतदाताओं तक पहुंच रहे है. कीर्ति आजाद बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले हैं और दरभंगा लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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