धनबाद(DHANBAD): गिरिडीह से 5 करोड़ लूट के मामले में पकड़ाए लोगों के चाल, चलन और चरित्र से कई सवाल उठ रहे हैं. लूट कांड में पकड़े गए राजेश के बारे में पुलिस को पता चला है कि वह पहले जीटी रोड के थानों का इनफॉर्मर था. थाने में निजी चालक के रूप में भी काम कर चुका है. रजनीश के गिरफ्तार होने के बाद थानों में जो प्राइवेट चालक होते हैं, उन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कभी उनकी जांच होती है. धनबाद के प्राय सभी थानों में ऐसे चालक मिल जाएंगे. इसके अलावा जीटी रोड पर रिकवरी एजेंट के नाम पर कई गैंग काम कर रहे है. इस गैंग का अपना अपना एरिया होता है. गैंग के लोग भी शातिराना अंदाज में काम करते हैं. जीटी रोड होकर गुजरने वाले प्रतिबंधित मांगुर मछली ,शराब ,कोयला ,गांजा, कछुआ आदि लदे वाहन पर या तो इनका अपना जीपीएस लगा होता है या फिर पूरा डिटेल्स इनके पास होता है. अधिकतर वाहनों पर खुद का जीपीएस लगाए होते हैं और उसके आधार पर वाहनों का ट्रैकिंग करते हैं. फिर वाहनों को रोककर वसूली करते हैं .जब मामला खुद से नहीं निपट ता है तब पुलिस को सूचना देते हैं. फिर मामला सार्वजनिक होता है.
जीटी रोड पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन से मोलतोल होता है
सूत्र के अनुसार जीटी रोड पर प्रतिदिन ऐसे सैकड़ों वाहन से मोलतोल होता है. अवैध धुलाई करने वाले भी प्रयास यही करते हैं कि इन्हीं एजेंटों से मामला सलटा ले अन्यथा पुलिस में मामला जाने पर बखेड़ा खड़ा हो सकता है. यह बात अलग है कि जीटी रोड पर काम करने वाले इस गिरोह के लोग ही पुलिस की मुखबिरी करते हैं. गाड़ियां वही पकड़ी जाती है, जिनसे सेटिंग नहीं हो पाती है. धनबाद होकर जीटी रोड से प्रतिदिन प्रतिबंधित मांगुर मछली, शराब, कोयला, गांजा, कछुआ आदि लदे वाहन सैकड़ों की संख्या में गुजरते हैं. 5 करोड़ लूट मामले में पकड़ाए राजेश के बारे में पता चला है कि तोपचांची से लेकर बरही तक वह गिरोह चलाता था. अन्य गिरोह भी सक्रिय हैं. इस गिरोह में सिर्फ धनबाद के ही लोग शामिल नहीं है बल्कि अगल-बगल जिले के भी अपराधी किस्म के युवक शामिल होते हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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