लोहरदगा : मशरूम बना रोजगार का मुख्य साधन, हर महीने 20 हजार रुपए तक की हो रही है इनकम


लोहरदगा (LOHARDAGA) : लोहरदगा में मशरूम की खेती काफी बढ़ गई है, और ऐसा इसलिए क्योंकि ये अब यहां के स्थानीय लोगों के लिए ये रोजगार का मुख्य साधन बन गया है. लोगों का कमाने का एक बेहतरीन जरिया बन गया है. ग्रामीण इलाकों में मशरूम उत्पादन के प्रति निरंतर झुकाव आया है. छोटे से स्थल पर तकनीक का इस्तेमाल कर मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर कमा रहे है.
उत्पादन में तकनीक और सावधानी का इस्तेमाल
लोहरदगा में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी के माध्यम से ग्रामीणों का रूझान इस ओर बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. आरसेटी के निदेशक ने बताया की खेतों में उत्पादन की स्थिति बारिश पर निर्भर करती है. लेकिन मशरूम के उत्पादन में तकनीक और सावधानी का इस्तेमाल किया जाता है. प्रोटीन से भरपूर मशरूम को हर क्षेत्र में पसंद किया जाता है.
प्रतिसप्ताह तीन से चार हजार रुपए की इनकम
बीस पैकेट में मशरूम उत्पादन करने से प्रतिसप्ताह तीन से चार हजार रुपए की इनकम होती है. हाथों हाथ बिकने वाले इस उत्पाद की मांग बाजार में बहुत अधिक है. इसलिए ग्रामीण इस ओर बढ़ी तेजी से आगे आ रहे हैं. ताकि उनकी आर्थिक स्थिति दिन व दिन मजबूत होती चली जाए. मशरूम की मांग बड़े शहरों में ज्यादा होने की वजह से किसान इसके उत्पादन में बड़ी दिलचस्पी ले रहे हैं.
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