धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल के युवाओं की लगभग सभी क्षेत्रों में धमक बढ़ती जा रही है. इसकी निरंतरता भी जारी है. खेल हो, फैशन हो, सामाजिक कार्य हो या अलग-अलग क्षेत्र. सब जगह धनबाद के युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. अलग-अलग क्षेत्रों में कोयलांचल के युवाओं ने अपनी पहचान बनाई है. राष्ट्रीय स्तर पर तो किसी ने राज्य स्तर पर पुरस्कार जीतकर धनबाद का नाम रोशन किया है. संघर्ष से युवाओं ने इतिहास बनाया है. कई ऐसे युवा हैं, जो थोड़ी सी कठिनाई पर रास्ता बदल लेते हैं लेकिन कई ऐसे हैं, जो कठिनाइयों से लड़ते हुए अपनी अलग राह बना लेते हैं और एक मुकाम हासिल कर लेते हैं.
युवा दिवस पर क्या कहते है कुछ खास करने वाले युवा
आज युवा दिवस के मौके पर हमने ऐसे ही कुछ युवाओं से बात की और उनसे जानने का प्रयास किया कि उनकी सफलता का राज क्या है और वह अन्य को क्या संदेश देना चाहते हैं. धनबाद के आईआईटी आईएसएम से पास आउट अमन ने बुक कैफे खोलकर सबको चौंकाया. वह कहते हैं कि जीवन में रिस्क लेना जरूरी है, कुछ करने से ही परिणाम मिलेंगे. पहले ही परिणाम सोच कर डर जाना कायरता है. वहीं, महिला बॉडी बिल्डर में झारखंड की पहली खिलाड़ी माधुरी कहती है कि जब वह बॉडी बिल्डिंग का काम शुरू की, तो लोगों ने कहा कि यह पुरुष प्रधान काम है. इसमें कोई कैरियर नहीं है, लेकिन जब उन्हें सरकारी नौकरियों के ऑफर मिलने शुरू हुए, तब सब को लगा कि यह शौक नहीं, बल्कि कैरियर से बन सकता है.
किसी भी काम करने के लिए धैर्य और गंभीर होना जरूरी
उन्होंने कहा कि किसी भी काम करने के लिए धैर्य और गंभीर होना जरूरी है और उसके लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत होगी. फैशन डिजाइनर इशिका कहती है कि किसी के भरोसे रहने के बजाय कुछ करने को ठान लेने से ही परिणाम मिल जाता है. रास्ते कठिन हो सकते हैं लेकिन सफलता मिलनी तय है. कंप्यूटर साइंस इंजीनियर सुमित कहते हैं कि सोशल मीडिया आग की तरह है, जैसे आग से खाना भी बनाया जा सकता है और घर भी जलाया जा सकता है, इसी तरह सोशल मीडिया का उपयोग होना चाहिए. वह इस क्षेत्र में बहुत आगे निकल चुके है. घर में अगर बच्चे इसका उपयोग करते हैं तो यह बात जरूरी है कि अभिभावकों को इस पर नजर रखनी चाहिए. लेकिन इतना तो तय है कि अगर आपने कुछ करने की ठान रखी है तो परिणाम आपसे बहुत दूर नहीं रहेगा. युवा दिवस पर युवाओं को यही संदेश है कि किसी भी परिस्थिति से घबराए नहीं, उनका सामना करें, कौन क्या कहता है इस को दरकिनार करते हुए हमें क्या करना है, यह सोचना चाहिए.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह के साथ संतोष
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