कुव्यवस्था की बीमारी से ग्रस्त है लोहरदगा का सदर अस्पताल, न बिजली, न इलाज


लोहरदगा (LOHARDAGA): जिले के अधिकतर लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पर आश्रित होते हैं. प्राइवेट अस्पताल की महंगी दावा और इलाज उनके बस से बाहर होती है, ऐसे में वो पूरी तरह से सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर रहते हैं. लेकिन अगर यहां भी असहाय लोगों को सही इलाज न मिले, तो यह सरकार पर बड़े सवाल खड़े करती है. ऐसा कुछ लोहरदगा के सदर अस्पताल में देखने को मिला.यहां की कुव्यवस्था का आलम गुरुवार देर रात देखने को मिला. हुआ यूं कि सड़क दुर्घटना में घायल लोग जब सदर अस्पताल पहुंचे तो सदर अस्पताल पूरी तरह से अंधेरे में तब्दील था. मौके पर स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं था. मरीज को 108 से उठा कर ड्रेसिंग रूम तक लाने के लिए कोई कर्मी नहीं मिला. मरीजों को परिजन अपनी गोद में उठा-उठा कर सदर अस्पताल के ड्रेसिंग रूम तक पहुंचा रहे थे. सदर अस्पताल का यह आलम करोड़ों रुपए खर्च की व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है. जो साफ तौर पर देखने को मिल रहा था.
दुर्घटनाओं के मामलों में बढ़त
सदर अस्पताल में अचानक बढ़े मरीजों की संख्या को ड्रेसिंग रूम तक लाने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था भी नहीं दिखाई दे रही थी, एक और दो सहयोगियों के माध्यम से करीब आधा दर्जन घायल लोगों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा था. करमा बासी होने की वजह से लोहरदगा में सड़क दुर्घटना के मामलों में इजाफा होता हुआ दिखाई दिया. लोहरदगा सदर अस्पताल इसके लिए पहले से बिल्कुल तैयार नहीं था.
रिपोर्ट: लोहरदगा ब्यूरो
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