देवघर(DEOGHAR): देवघर में लाह चूड़ी बनाने वालो की तादाद बहुत ज्यादा है, लेकिन कई ऐसे भी कारीगर है, जो पूंजी के अभाव में अपना कारोबार नहीं चला पा रहे है. इन कारीगरों की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए सामाजिक संस्था इनर व्हील क्लब सामने आई है.इस क्लब की पहल पर एसबीआई की ओर से इनके कारोबार को बढ़ाने के लिए अब ऋण दिया जाएगा.
लाह चूड़ी के उद्योग को मिलेगा देशव्यापी बाजार
देवघर में लाह की चूड़ी बनाकर अपना जीवन-यापन करनेवाले कारीगर आज पूंजी के अभाव में अपना पुश्तैनी धंधा त्यागने का मन बना रहे हैं. देवघर के जून पोखर मोहल्ला में एक सौ से अधिक ऐसे घर हैं, जहां लाह की चूड़ियां बनाई जाती है. यहां के कारीगरों की बनायी गयी चूड़ी और लहठी की मांग बाजार में बहूत है.
अब एसबीआई कारीगरों को नहीं होने देगा निराश
आपको बताएं कि व्यापारी की मांग के अनुसार चूड़ी लहठी की पूर्ति नहीं हो पाती है. इसके पीछे एक बड़ी वजह आर्थिक तंगी है. कारीगरों के पास पूंजी की कमी है.लेकिन अब इन कारीगरों को पूंजी के लिए चिंता नही करनी पड़ेगी. सामाजिक संस्था इनर व्हील क्लब की पहल पर एसबीआई अब इन्हें ऋण देने जा रहा है.क्लब की अध्यक्ष सारिका साह अपनी टीम के साथ जून पोखर मोहल्ले पहुंची. और कारीगरों की समस्या सुनने के बाद एसबीआई के अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें रोजगार ऋण देने का आग्रह किया.
एसबीआई की ओर से इन कारीगरों को 40 से 50 हजार तक का मिलेगा लोन
आज IWC की पहल पर एसबीआई के अधिकारियों की मौजूदगी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसके माध्यम से कारीगरों को pmegp के बारे में बताया गया. बड़ी संख्या में कारीगरों ने ऋण लेने में दिलचस्पी दिखाई. एसबीआई के बाजार ब्रांच के मुख्य प्रबंधक प्रणव कुमार ने बताया कि इनके लाह कारोबार की पहचान देशव्यापी हो इसके लिए बैंक इन कारीगरों को 40 से 50 हज़ार तक ऋण उपलब्ध कराएगी. सरकार इन कारीगरों को 25 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण देगी. सरलता से ऋण मिलने का आश्वासन मिलने से लाह चूड़ी के कारीगरों के चेहरे पर खुशी देखी गई.
रिपोर्ट रितुराज सिन्हा
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