साहिबगंज के मजदूर रोजगार की तलाश में कर रहे है पलायन, और सरकारी योजनाओं के कार्य में मुर्दा चला रहे कुदाल, पढ़ें पूरा मामला
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साहिबगंज(SAHIBGANJ): साहिबगंज जिले के तालझारी प्रखंड क्षेत्र में संचालित केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना के नाम पर लूट की होड़ मची है.यहां मनरेगा योजनाओं में गरीब और जिंदा आदमी को रोजगार नसीब नहीं होता है और मुर्दे काम करते है, बल्कि बाल मजदूरों को भी खूब काम दिया जा रहा है.इसके अलावे बगैर कार्य किए भी राशि की निकासी आम बात हो गई है.हालांकि जीवित मजदूर रोजगार की तलाश में अपने घर द्वार को छोड़ अन्य प्रदेश पलायन करने को विवश है. ऐसा ही सनसनीखेज मामला तालझारी प्रखंड के सगड़भंगा पंचायत से सामने आया है.इसका खुलासा तब हुआ जब सामाजिक अंकेक्षण के बाद पंचायत स्तरीय जन सुनवाई के दौरान उजागर हुआ है.
पढ़ें कैसे हुआ मामले का खुलासा
दरअसल वित्तीय वर्ष 20 22-23 में मनरेगा योजना के तहत बरमसिया गांव के छुटू मरांडी के जमीन पर मेढ़बंदीव समतलीकरण का काम किया गया था.इस योजना का सामाजिक अंकेक्षण करने पहुंची टीम के सदस्यों को जो जानकारी मिली है वह चौंकाने वाला है.बताया गया है कि उक्त योजना में खुदि या मुर्मू नामक एक मनरेगा मजदूर के (जॉब कार्ड संख्या जेएच 13-005-011-018-- 18 06) ने एमआर संख्या 4744 में 27 अगस्त से दो सितंबर 2022 तक, एमआर संख्या 5339 में 8 से 14 सितंबर 2022 और एमआर संख्या 6110 में 21 से 27 सितंबर 2022 तक कुल 20 मानव दिवस का काम किया है.यह काम करने के एवज में 4,740 रूपये भुगतान भी हुई है.जबकि खुदिया मुर्मू की पत्नी सुनीता हांसदा का कहना है कि उनका पति खुदिया मुर्मू की मृत्यु विगत 9 अक्टूबर 2021 को हो गया था, जिनका मृत्यु प्रमाण पत्र दिनांक 31 मार्च 2023 को पंजीकरण संख्या डी-2023-20-0 1344-000005 के माध्यम से जारी हुई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पंचायत स्तरीय जन सुनवाई के ज्यूरी ने प्रखंड स्तर के जन सुनवाई में अग्रसारित किया है.
मनरेगा योजना में बाल मजदूरों को भी मिला काम
सगड़भंगा पंचायत के विभिन्न गांवों में हुई मनरेगा योजना में बाल मजदूरों ने भी खुलकर काम किया है और मजदूरी का भुगतान हुआ है. सगड़भंगा की लोगेन पंडित की 16 वर्षीय पुत्री डोली कुमारी के नाम से मनरेगा जॉब कार्ड संख्या जेएच-13-005-011-018-4194 निर्गत है,इनके नाम से वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 54 मानव दिवस का काम दिखाया गया है. 54 दिनों तक मनरेगा योजना में इन्हें काम करने के एवज में कुल 13,770 रूपये का भुगतान हुआ है.इसके अलावा मुनेश्वर पंडित की नाबालिग पुत्री रानी कुमारी जो कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कक्षा नवम की छात्रा है, के नाम से मनरेगा जॉब कार्ड संख्या जेएच-13-005-011-018-3877 निर्गत है.इन्होंने वित्तीय वर्ष 2021-22, 22-23 तथा 24-25 में कुल 138 दिन मनरेगा योजना में काम किया है जिसके एवज में कुल 32,382 रुपया भुगतान हुआ है.वहीं, मनोज दास के 17 वर्षीय पुत्र आकाश कुमार दास के जॉब कार्ड संख्या जेएच-13-005-011-018-407 7 में कुल 61 मानव दिवस का कार्य किया गया है जिसमें 14,595 रूपये भुगतान हुए है.
योजना में बगैर कार्य किए ही कर ली गई है निकासी
सगड़भंगा पंचायत के चंद्राय मुर्मू के जमीन पर बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना के तहत सिंचाई कूप का निर्माण कार्य कागजों पर हुआ है लेकिन धरातल पर नहीं है.इस योजना में एमआर संख्या 13292 में पांच मजदूरों ने 40 दिन तक कार्य किए है,लेकिन विभागीय मिलीभगत से 45 दिनों का भुगतान हुआ है,एम आर संख्या 13193 पूर्ण रूप से खाली है,फिर भी दो दिन का कार्य दिवस बताकर भुगतान किया गया है.इस योजना में भेंडर को भी बिल संख्या 76 के माध्यम से 81,159 रूपये भुगतान हुए हैं. इन राशि से गिट्टी, ईंट, बालू, सीमेंट आदि खर्च होना बताया गया है,जबकि धरातल पर कुछ भी काम नहीं हुआ है.
सगड़भंगा पंचायत में अन्य प्रखंड के मजदूर भी करते हैं काम
सामाजिक अंकेक्षण की टीम को निरीक्षण के दौरान सगड़भंगा पंचायत के मनोज हांसदा के जमीन पर बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना से बनी सिंचाई कूप के निर्माण कार्य के दौरान प्रखंड से बाहर के मजदूर काम करते पाए गए हैं. इस योजना में राजमहल प्रखंड की फुलवरिया निवासी समीर शेख,मो0 का र्तिक व शाहिद खान,बरहेट के साकिम अंसारी काम कर रहे थे,इन्होंने सामाजिक अंकेक्षण की टीम को बताया है कि गांव के एक ठेकेदार के कहने पर वे लोग सिंचाई कूप का निर्माण कार्य कर रहे हैं,इसके लिए उन्हें चार से पांच सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलता है.
रिपोर्ट-गोविंद ठाकुर
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