रांची(RANCHI): कोलकाता के आरजी करमेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ दरिंदगी और हत्या से डॉक्टर आक्रोशित है. झारखंड समेत पूरे देश में मेडिकल सेवा ठप है. लेकिन एक सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है कि केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया. आरोपी भी गिरफ्तार हो चुका है. फिर इसके आगे डॉक्टर आंदोलन क्यों कर रहे है. डॉक्टर के आंदोलन से अस्पतालों में अराजकता जैसे हालात बन गए. मरीज भटक रहे है. अगर आंदोलन लंबा चला तो अस्पतालों में भयावह रूप देखने को मिल सकता है.
जब झारखंड में आंदोलन कर रहे डॉक्टर से जानना चाहा की आखिर आंदोलन कब तक चलेगा. आरोपी की गिरफ़्तारी हो गई फिर भी आंदोलन क्यों जारी है. इस सवाल पर IMA के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि डॉक्टर अब डर और दहशत में काम कर रहे है. कोलकाता में डॉक्टर बेटी के साथ दरिंदगी हुई है. ऐसे में सभी डॉक्टर असुरक्षित सा महसूस कर रहे है. उन्होंने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट सबसे प्रमुख मांग है. इस प्रोटेक्शन बिल को पूरे देश में लागू होना चाहिए. जिससे डॉक्टर बिना डर के काम कर सके.
उन्होंने बताया कि डॉक्टर 36 घंटे की ड्यूटी कर रहे है. डॉक्टर खुद की जान दाव पर लगा कर मरीज का इलाज कर रहा है. 36 घंटे की ड्यूटी के बीच डॉक्टर को आराम करने के लिए सुरक्षित स्थान की व्यवस्था की जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि डॉक्टर के साथ किसी भी घटना के बाद उसकी जांच एक तय सीमा के अंदर करने के साथ साथ निष्पक्ष जांच कर दोषी को कड़ी सजा दी जाए.जिससे पीड़ित परिवार राहत महसूस कर सके. इसके अलावा सभी अस्पताल की विशेष सुरक्षा की जाए.सुरक्षा में जवान के साथ साथ CCTV कैमरे से पूरे परिसर की निगरानी की जानी चाहिए.
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