धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में अब विदेश के भी माइनिंग ऑपरेटर काम करेंगे. ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका बढ़ेगी. कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी इकाइयों में ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर को कोयला खनन के लिए बुलाया जा रहा है. अब वैश्विक स्तर की कंपनियां भी कोल इंडिया में काम करेगी. कोयला मंत्रालय ने इस संबंध में कई दिशा निर्देश कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों को दिए है. दरअसल, कोयला मंत्रालय कोयला उत्पादन में वृद्धि करने को लेकर काफी चिंतित है. कोयला उत्पादन को बढ़ाने, इम्पोटेड कोल् पर निर्भरता कम करने के लिए कोयला मंत्रालय काम कर रहा है. यह भी महत्वपूर्ण है कि कोयला उत्पादन लागत को कम करने के लिए कोयला मंत्रालय यह सब कर रहा है.
अभी कोल इंडिया में माइन डेवलपर्स एवं ऑपरेटर ही काम कर रहे थे. यानी देशी कंपनियां ही थी. लेकिन अब ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका भी बढ़ेगी. शुरुआत में माइन डेवलपर्स एवं ऑपरेटर के लिए 168 मिलियन टन की क्षमता वाली 15 कोयला खदान परियोजनाओं को आईडेंटिफाई किया गया था. अब 257 मिलियन टन कोयला के लिए 28 परियोजनाओं को विस्तार दिया गया है. इसमें 18 खुली खदान है जबकि 10 अंडरग्राउंड माइन्स है. शर्त है कि चुने गए ऑपरेटर समझौते के अनुसार कोयले का उत्खनन से लेकर डिलीवरी तक पूरी खनन प्रक्रिया की देखरेख करेंगे. सूचना निकल कर आ रही है कि कम से कम 25 साल के लिए निजी हाथों में खदानें दी जाएंगी. वैसे भी फिलहाल कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में आउटसोर्स का दबदबा बढ़ रहा है. धीरे-धीरे कोयले का उत्पादन विभागीय स्तर पर करने से कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयां हाथ खींच रही है.
इस वजह से धीरे-धीरे प्राइवेट प्लेयर्स का दबदबा बढ़ता जा रहा है.एक आंकड़े के मुताबिक अब तक कोयला मंत्रालय ने 575 मिलियन टन की क्षमता वाली 161 खदानों की नीलामी की है. पिछले वित्तीय वर्ष में इन खदानों से कुल 147 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था. यह देश के कुल कोयला उत्पादन का 15% है. चालू वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा बढ़ सकता है. एनटीपीसी, पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, वेदांता , हिंडालको ,अदानी आदि जैसे बड़े उपभोक्ता फिलहाल है. जिन्हें कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है. इनके कोल् ब्लॉक से उत्पादन शुरू होते ही यह कंपनियां कोल इंडिया से कोयला खरीदना बंद कर देगी. ऐसे में कोल इंडिया का कोयले की बिक्री पर एका धिकार नहीं रहेगा. मूल्य का भी दबाव रहेगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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