रांची(RANCHI): झारखंड हाईकोर्ट ने कोलकता कैश कांड के आरोपी तीनों कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ दर्ज जीरो एफआईआर को निरस्त कर दिया है. पार्टी पदाधिकारियों के निर्देश पर कांग्रेसी विधायक अनूप सिंह के द्वारा अरगोड़ा थाना में दर्ज प्राथमिकी को विधि सम्मत नहीं मानते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और विकसल नमन कोंगाड़ी के द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया.
हेमन्त बिश्वा सरमा के साथ मिलकर सरकार गिराने का आरोप
यहां बता दें कि अनुप सिंह ने अपनी प्राथमिकी में तीनों विधायकों के खिलाफ हेमंत सरकार के विरुद्ध साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया था, अनुप सिंह का दावा था कि ये तीनों विधायक असम के मुख्यमंत्री हेमन्त बिश्वा सरमा के सम्पर्क में थे, और कोलकत्ता कैश कांड में पुलिस के हाथ लगी राशि भी हेमन्त बिश्वा सरमा के द्वारा ही उपलब्ध करवाया गया था. कैश कांड के बाद कांग्रेस ने तीनों विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से निलंबित कर दिया था.
विधायकों को मिला अकेला यादव का साथ, निलंबन वापसी की मांग
अब झारखंड हाईकोर्ट से इन तीनों आरोपी विधायकों को बड़ी राहत मिली है, लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस के उपर इन विधायकों की निलंबन वापसी का दवाब भी बढ़ने लगा है. खुद पार्टी के अन्दर से भी इसकी मांग उठने लगी है. विधायक उमाशंकर अकेला यादव ने हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि भले ही होली चंद दिन दूर हो लेकिन हमारे लिए तो होली की शुरुआत हो चुकी है, हम तीनों विधायकों को उनकी बेगुनाही के लिए मुबारकबाद देते हैं, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ है.
क्या रद्द होगा निलंबन का फैसला?
तब क्या माना जाय कि कांग्रेस इन विधायकों का निलंबन वापस लेगी, क्या कांग्रेस का इन विधायकों के प्रति अविश्वास दूर जायेगा, क्या ये तीनों विधायक एक बार फिर से आलाकमान के गुड फेथ में होंगे. ये चंद सवाल हैं, जिसका जवाब कांग्रेस की ओर से ही आयेगा, फिलहाल सबों को कांग्रेस के फैसले का इंतजार है.
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