धनबाद न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी का यह पूजा पंडाल साम्प्रदायिक सद्भाव का है मिसाल, जानिए कैसे


धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल में सद्भावना का उदाहरण है धनबाद का न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी पूजा पंडाल. पिछले ढाई से तीन दशक से दोनों समुदाय यानि हिन्दू-मुस्लिम के लोग मिलकर मां की मूर्ति स्थापित करते हैं. पूजा -पाठ करते हैं. तैयारी में एक दूसरे को सहयोग करते है. इतना ही नहीं ,पूजा समिति के पदाधिकारी के पद पर भी रहते है. नौकरी करते हैं फिर भी समय निकाल कर माता की भक्ति में लगे रहते हैं. इस पूजा पंडाल का लोग उदाहरण देते हैं और कहते हैं कि समाज को इससे सीख लेनी चाहिए.
मधुमक्खी के छत्ते की आकृति का बन रहा पंडाल
इस बार पूजा पंडाल के लिए विशेष तैयारी की गई है. मधुमक्खी के छत्ते की आकृति का पंडाल बन रहा है. इसके पीछे एक संदेश है, यह संदेश है प्रकृति के साथ जुड़कर रहने का. यह जानने का भी कि जो मधु हम लोग बाजार से खरीद कर खाते हैं, वह मधु आखिर निकलता कैसे है. छत्ता कैसे लगता है और फिर उस छत्ते से मधु कैसे निकाला जाता है. उपाध्यक्ष गुलाम तमन्ना कहते हैं कि 25 सालों से हम लोग सब मिलकर पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. इस पूजा का उन्हें विशेष इंतजार रहता है. पिछले 15 सालों से थीम आधारित पूजा पंडाल का निर्माण कराया जाता रहा है. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी कोलियरी, सिंदरी के बंद कारखाना आदि को दिखाते हुए पंडाल का निर्माण कराया गया था. महासचिव मुनेश्वर सिंह ने कहा कि 57 वर्षों से पूजा हो रही है.
जनता को कुछ सन्देश देने की होती है कोशिश
वरीय उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद कहते हैं कि पंडाल से हम लोग जनता को कुछ ना कुछ संदेश देने की कोशिश करते हैं. मधुमक्खी का छत्ता की आकृति का भी एक खास उद्देश्य है. आज के लड़के यह नहीं जानते कि जो मधु खाते हैं वो आता कैसे है. इस बार पंडाल में इसी को बताने की कोशिश की जा रही है. आपको बता दें कि न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी का पंडाल धनबाद के टॉप 3 पंडालों में आता है और दोनों समुदाय के लोग मिलकर इस पूजा को संपन्न कराते हैं. विसर्जन भी उसी उत्साह और धूमधाम से करते हैं.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह
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