रांची - ओडिशा के राज्यपाल पद से रघुबर दास के इस्तीफे के बाद उनके भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम बन गया था. 27 दिसंबर को वे एक बार फिर भाजपा में शामिल होने वाले थे लेकिन एन वक्त पर कुछ ऐसा हुआ जिस कारण यह कार्यक्रम टल गया है. प्रदेश भाजपा कार्यालय को सजाने का काम भी शुरू होने वाला था जिसे रोक दिया गया.
भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम टलने का मुख्य कारण क्या रहा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पांच साल तक इस राज्य के मुखिया रहे. पिछले अक्टूबर में ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया. सक्रिय राजनीति से रघुवर दास दूर हो गए उनका मन राजभवन की चारदीवारी में नहीं लग रहा था. जनता के बीच रहने वाले रघुवर दास को लाट साहबी भी पसंद नहीं आ रही थी. बावजूद इसके भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का यह आदेश था. इसलिए वे राज्यपाल का पद ग्रहण कर लिए.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं को उनकी कमी खल रही थी. रघुवर दास ओबीसी समाज का एक बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं. आखिर कर राज्यपाल का पद उन्होंने छोड़ दिया. सक्रिय राजनीति में फिर से शामिल होने के लिए वह झारखंड लौट आए. रांची एयरपोर्ट पर उनका जबरदस्त स्वागत हुआ. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता की बड़ी भीड़ एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ी. कार्यक्रम यह तय हुआ की 27 दिसंबर को रघुवर दास भाजपा में फिर से शामिल होंगे इसकी तैयारी भी शुरू हो गई थी लेकिन इसी बीच यह बात आई कि वे अभी तक राज्यपाल के पद पर बने हुए हैं. जब तक ओडिशा के नए राज्यपाल शपथ ग्रहण नहीं कर लेते तब तक यह पद उन्हीं के नाम से है. इसलिए अंतिम समय में रघुवर दास का भाजपा में फिर से शामिल होने का कार्यक्रम टल गया. अब यह संभावना व्यक्त की जा रही है की 29 या 30 दिसंबर को वे भाजपा के सदस्य बन सकते हैं. तब तक ओडिशा के नए राज्यपाल शपथ ले लेंगे.
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