रांची(RANCHI): अपराध में सहयोग देने वाले भी बराबर के कसूरवार माने जाते हैं. सामान्यतः यह कहा जाता है कि कोई अगर अपराध करना है तो उसका विरोध किया जाना चाहिए या फिर उसे कानून के हवाले किया जाना चाहिए.अगर कोई उसमें सहयोग देता है या आश्रय देता है तो वह सजा का भागीदार माना जाता है. ऐसे ही एक अपराध में सहयोग देने वाले दोस्त को को कोर्ट ने सजा सुनाई है. नाबालिग साथी को 20 साल की सजा और 10000 रुपए जुर्माना लगाया गया है. अगर जुर्माने की राशि जमा नहीं की जाती है तो 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा झेलनी होगी. नाबालिग से दुष्कर्म करने के एक मामले में दोषी अपराधी को सहयोग देने वाले दोस्त को भी कोर्ट ने सजा सुनाई है. यह दोस्त नाबालिग है. इसका मामला चिल्ड्रन कोर्ट में चला. अभियोजन पक्ष ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ अपने पक्ष में 8 गवाह पेश किए. यह मामला रांची जिले के सोनाहातू थाना क्षेत्र में 16 मई, 2018 का है. घटना यह है कि एक नाबालिग लड़की शाम में अपने घर से बाहर निकली तो एक युवक ने उसे पकड़ कर किनारे ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. इस काम में दुष्कर्मी संजय सिंह मुंडा को उसके नाबालिग दोस्त ने सहयोग दिया.नाबालिग के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया था. संजय सिंह मुंडा को कोर्ट ने मार्च, 2020 में ही उम्र कैद की सजा सुनाई है.
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