रांची(RANCHI): झारखंड में लोकसभा के साथ उपचुनाव भी खत्म हो गया. इस चुनाव में इंडी गठबंधन ने पिछली बार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. साथ ही सभी एसटी रिजर्व सीट को अपने झोली में डाल लिया.इस पूरे चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा कल्पना सोरेन की रही. हेमंत की गैर मौजूदगी में पार्टी की कामन अपने हाथ लेकर मैदान में थी.जिसके बाद रांची से लेकर दिल्ली तक पार्टी का नेतृत्व करती दिख रही है. अब एक सवाल सभी के मन में है कि क्या कल्पना सोरेन झारखंड की मुख्यमंत्री बनने वाली है.
दरअसल झारखंड के गाँड़ेय उपचुनाव में कल्पना सोरेन झामुमो की प्रत्याशी बन मैदान में उतरी. इस सीट को जीत कर अपनी राजनीति पारी की शुरुआत भी कर दिया. इसके बाद राज्य की सत्ता में बड़े पद मिलने की भी चर्चा जोर शोर से शुरू हो गई है. जिस तरह से देखा जा रहा है कि कल्पना सोरेन ही हेमंत के जेल जाने के बाद पार्टी को आगे लेकर चल रही है. चाहे झारखंड में चुनाव कमान की बात हो या दिल्ली में गठबंधन की बैठक सभी में कल्पना आगे दिख रही है.
कल्पना भले ही हेमंत के जेल जाने के बाद राजनीति में आई है. लेकिन संकेत साफ है कि कल्पना सोरेन के साथ सूबे कि बागडोर मिलने वाली है. हेमंत की गिरफ़्तारी के समय ही कल्पना के नाम मुख्यमंत्री के रेस में सबसे आगे चल रही थी. लेकिन कई कानूनी दाव पेच के वजह से झामुमो के कद्दावर नेता चंपाई सोरेन को राज्य कि कमान दी गई. चंपाई सोरेन झारखंड सरकार के काम को बखूबी आगे बढ़ा रहे है. पार्टी के सभी नेता साथ मिल कर इस सरकार के साथ खड़े है.
इससे साफ है कि कल्पना सोरेन इस सरकार में नहीं लेकिन 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद बहुमत मिलने पर सूबे कि मुख्यमंत्री जरूर दिख सकती है. अगर बात कल्पना सोरेन की करें तो हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद पार्टी और संगठन को साथ लेकर चल रही है. ऐसा पहली बार हुआ जब लोकसभा के चुनाव में हेमंत बाहर नहीं दिखे. तमाम कठिनाइयों को झेल कर कल्पना सोरेन मैदान में उतर गई. मैदान में पहली बार में ही मजबूत झंडा गाड़ दिया है.
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