झामुमो: नेताओं के लिए क्यों धनबाद -रांची की दूरी हो गई है कम ,पढ़िए इस रिपोर्ट में !!

धनबाद(DHANBAD) | झामुमो फिलहाल सत्ता में है. जाहिर है जिला अध्यक्ष और सचिव की पूछ बढ़ेगी. धनबाद का जिला अध्यक्ष कौन होगा ,सचिव कौन होगा ,तय तो केंद्रीय नेतृत्व करेगा लेकिन इसके लिए अन्य ज़िलों की तरह धनबाद के लिए भी लॉबिंग तेज हो गई है. पद चाहने वालो के लिए धनबाद -रांची की दूरी कम हो गई है. 4 फरवरी को धनबाद में झारखंड का स्थापना दिवस मनाया गया था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना सोरेन सहित अन्य नेता मौजूद थे. तैयारी बड़े ढंग से की गई थी. इस तैयारी के पीछे का मकसद भी बहुत साफ था. ताकत दिखाने के साथ -साथ केंद्रीय नेतृत्व की नजर में आना भी मकसद था. फिर यही से सवाल निकलता है कि क्या धनबाद जिला अध्यक्ष और महासचिव के पद पर फिर से पुराने लोग काबिज होंगे अथवा नहीं.
पद पाने के लिए कई नेताओं ने लगाया है जोर
यह अलग बात है कि दावेदारों की दौड़ रांची अधिक हो रही है. वैसे तो समूचे प्रदेश में झामुमो की जिला कमेटी भंग कर दी गई है. पार्टी के संविधान के अनुसार केंद्रीय महाधिवेशन के पहले जिला कमेटी से लेकर प्रखंड और पंचायत कमेटी भंग कर दी जाती है. अन्य जिलों की तरह धनबाद में भी जिला कमेटी के भंग होने के बाद सदस्यता अभियान की शुरुआत हो गई है. 28 फरवरी तक सदस्यता अभियान को चलना है. 28 फरवरी तक सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद नए जिला अध्यक्ष और सचिव सहित पूरी कमेटी की घोषणा होगी. संयोजक मंडली के नेतृत्व में धनबाद जिले में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. इसके बाद संयोजक मंडली की अनुशंसा पर पंचायत और प्रखंड कमेटी गठित होगी. जिला अध्यक्ष बनने वाले अपनी दावेदारी केंद्रीय कमेटी के पास करेंगे. जो नेता अधिक सदस्य बना पाएंगे, उनके नाम को प्राथमिकता मिल सकती है.
केंद्रीय नेतृत्व ही जिला अध्यक्ष व सचिव के नाम की घोषणा करेगा
बता दें कि केंद्रीय नेतृत्व ही जिला अध्यक्ष व सचिव के नाम की घोषणा करेगा. नई कमेटी की घोषणा की प्रत्याशा में जिला अध्यक्ष और जिला सचिव के दावेदारों की रांची दौड़ तेज हो गई है. यह बात भी तय है कि रांची से हरी झंडी मिलने पर ही जिला कमेटी में किसी को जगह मिल सकेगी. धनबाद के कई नेता जिला अध्यक्ष बनने की रेस में है और वह अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रहे है. वैसे, धनबाद जिला में सालों पहले जिला कमेटी को लेकर खूब विवाद चला. यहां दो समानांतर कमेटी काम कर रही थी. विवाद जब अधिक बढ़ा तो दोनों कमेटियों को भंग कर दिया गया और संचालन मंडली का गठन किया गया था. उसके बाद लखी सोरेन को जिला अध्यक्ष और मनु आलम को सचिव बनने की घोषणा हुई थी. लेकिन अब तो कमेटी भंग हो गई है, देखना है कि जिला अध्यक्ष और सचिव कौन होता है?
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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