धनबाद(DHANBAD): चू चू का मुरब्बा बन गई है धनबाद की 8 लेन सड़क. एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन. काम पूरा नहीं, 90% तक काम हो गया है लेकिन मात्र 10% के लिए सड़क हैंडओवर नहीं हो रही है. चुनावी मौसम है, ऐसे में सभी सरकारी मशीनरी सक्रिय हो जाती हैं. आठ लेन सड़क पर सबकी पूरी नहीं तो आधी आंखें बंद है. यह अलग बात है कि सड़क के नामकरण के लिए महीना पहले खूब दावे प्रतिदावे हुए. भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा आमने-सामने थे. भाजपा अटल मार्ग के नाम से इसे करने की मांग कर रही थी तो झामुमो की अपनी अलग मांग थी. बाद में टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो के नेतृत्व में नामकरण भी कर दिया गया और इसका फीता भी कट गया. लेकिन सड़क अभी भी पूरी नहीं हुई है. इसका डेड लाइन अब 30 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है.
68 करोड़ रुपए का बना एस्टीमेट
सूत्रों के अनुसार पहले प्राक्कलन 332 करोड़ का था लेकिन उसके बाद निर्माण में लगी कंपनियों ने कहा कि सामानों के दाम में वृद्धि हुई है. इसलिए एस्टीमेट बढ़ाना चाहिए. उसके बाद फिर 68 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बना. लेकिन यह एस्टीमेट अभी भी स्वीकृत की प्रतीक्षा कर रहा है और सड़क अधूरी पड़ी हुई है. इस बीच विश्व बैंक की टीम कई बार धनबाद आ चुकी है .अधिकारियों को अतिक्रमण के खिलाफ कड़ाई करने और काम पूरा करने का निर्देश दे चुकी है. बावजूद काम जहां का तहां अटका पड़ा है. अब तो निर्माण में लगी कंपनियों और सरकार के विवाद भी बढ़ रहा है. देखना है आगे क्या होता है. वैसे चौथी बार एक्सटेंशन सड़क को मिल चुका है और अब 30 दिसंबर तक इसे पूरा करना है. लेकिन जब तक 68 करोड़ का एस्टीमेट स्वीकृत नहीं हो जाता, तब तक काम आगे बढ़ने पर संदेह है.
30 दिसंबर तक सड़क का काम करना है पूरा
नवंबर 2019 में 8 लेन सड़क का काम शुरू हुआ. फिर झारखंड में नई सरकार आने के बाद 19 जून 2020 को सरकार ने सड़क का काम बंद करा दिया. फिर 29 नवंबर 2020 को विश्व बैंक के दबाव पर सरकार ने काम शुरू कराया. दिसंबर 21 तक काम पूरा करना था. एक साल का एक्सटेंशन दिया गया. दिसंबर 22 को रिवाइज्ड ऐस्टीमेट को लेकर जून 23 तक एक्सटेंशन दिया गया. फिर रिवाइज्ड ऐस्टीमेट को लेकर ही 30 सितंबर 2023 तक एक्सटेंशन दिया गया. अब रिवाइज्ड ऐस्टीमेट को लेकर 30 दिसंबर 23 तक एक्सटेंशन दिया गया है. यानी 68 करोड़ के एस्टीमेट को लेकर तीसरी बार सड़क को एक्सटेंशन मिला है. देखना है कि आगे भी एक्सटेंशन ही मिलेगा या 30 दिसंबर तक सड़क का काम पूरा हो जाएगा. चुनावी मौसम में सरकार ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रही है, सक्रियता बारत रही है लेकिन धनबाद को मिली इस सौगात पर किसी का ध्यान नहीं है. नामकरण को लेकर हल्ला मचाने वाले नेता भी चुप हैं. जनता की समस्याओं और परेशानियों को नजरअंदाज करने का धनबाद की 8 लेन सड़क एक बड़ा उदाहरण है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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