धनबाद(DHANBAD)झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान की योजना से ही झारखंड में उन पर कड़ा प्रहार हो रहा है. यह प्रहार झारखंड मुक्ति मोर्चा कर रहा है. झारखंड सरकार शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन योजना पर प्रहार करने के लिए मंईया सम्मान योजना लेकर आई है .आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हजारीबाग पहुंच रहे हैं और वह धनबाद, बोकारो ,रामगढ़, हजारीबाग, चतरा ,कोडरमा, गिरिडीह के लिए राशि निर्गत करेंगे. यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री जिलों में कर रहे है.शिवराज सिंह चौहान ने भी लाडली बहना योजना की शुरुआत कर शाबाशी लूटी थी. तो झारखंड सरकार भी इस योजना की तर्ज पर योजना लेकर जनता के बीच आई है. यह अलग बात है कि झारखंड में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
भाजपा वाले पूछ रहे हैं कि क्या हुआ तेरा वादा, हेमंत दादा
शुक्रवार को रांची में युवा आक्रोश रैली में भारी हंगामा हुआ .आंसू गैस के गोले पुलिस ने दागे. आधा दर्जन पुलिस कर्मी भी घायल हुए है.भाजपाइयों पर पत्थर बाजी करने का आरोप है. भाजपा वाले पूछ रहे हैं कि क्या हुआ तेरा वादा, हेमंत दादा. तो हेमंत सोरेन का कहना है कि जिनके खिलाफ जनता में आक्रोश है, वही आक्रोश रैली निकाल रहे हैं. दरअसल, एक एजेंडा के तहत भाजपा वाले यह सब काम कर रहे हैं. वैसे शुक्रवार को ही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड के सभी जिलों में अधिकार मार्च निकाला. यह अधिकार मार्च भाजपा की युवा आक्रोश रैली को कमजोर करने के लिए ही किया गया था. यह बात अलग है कि झारखंड के सभी विधानसभा क्षेत्र से नेता और कार्यकर्ता रांची पहुंचे थे. कार्यक्रम कितना सफल हुआ और इसका असर जनता पर क्या पड़ा, इसका आकलन तो भाजपा नेता करेंगे ही.
बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत पर साधा निशाना
इधर ,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि उनके भाषण के दौरान 7, 8 आंसू गैस के गोले मंच के समीप छोड़े गए. उन्होंने कहा कि आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और कटीले तारों की घेराबंदी भी अब हेमंत सरकार को नहीं बचा पाएंगे. झारखंड के युवाओं को उनके हक की नौकरी, उनके हक का रोजगार और पिछले 5 सालों में हो रही नाइंसाफी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है.
अर्जुन मुंडा ने क्या कहा
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हेमंत सरकार हर मोर्चे पर विफल है. योजनाओं में घपला हो रहा है. परीक्षाओं के बाद किस्तों में रिजल्ट जारी किया जा रहा है. सरकार की मनसा परीक्षा परिणाम जारी करने में खेल करने की है. स्थानीय नीति और रोजगार के मामले में सरकार फेल है. एक भी वादा पूरा नहीं किया. जो भी हो लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में सियासी पारा गरमा गया है. भाजपा पूरी तैयारी के साथ मैदान में है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपनी तैयारी में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता. यह अलग बात है कि झारखंड में अभी भी भाजपा को वैसे किसी मुद्दे की तलाश है, जिस पर चुनाव लड़ा जाए.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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