टीएनपी डेस्क(TNP DESK): राज्य की हेमंत सरकार और केन्द्र सरकार के बीच घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा, सम्मेद शिखर विवाद, केन्द्र के द्वारा ईडी का कथित दुरुपयोग, खनन विवाद, सरना धर्म कोड, पिछड़ों के आरक्षण में विस्तार, 1932 का खतियान और ‘राज्यपाल का लिफाफा’ के बाद अब बारी है केन्द्र के द्वारा कथित तौर पर राज्य के दो लाख योग्य परिवारों का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची से हटाने की.
8.37 परिवारों के लिए आवास की मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर राज्य के करीबन दो लाख परिवारों के नाम को पीएमएवाई-ग्रामीण की सूची से हटाने का आरोप लगाया है. साथ ही इस योजना के तहत 8.37 लाख घरों का निर्माण करवाने की मांग की है.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में केवल 4,03,504 इकाइयों को मंजूरी दी गयी
अपने पत्र में सीएम हेमंत ने लिखा है कि केन्द्र के द्वारा 10,35,895 लाभार्थियों सूचीबद्ध रहने के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-22 में केवल 4,03,504 इकाइयों को मंजूरी प्रदान की गयी. साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 2,03,061 परिवारों को सूची से हटा दिया गया. अपने पत्र में सीएम हेमंत ने दावा कि सभी लाभार्थी बेहद गरीब है, और उन्हे आवास देने की तत्काल जरुरत है.
गिरिराज सिंह का दावा सकारात्मक रही वार्ता
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्विटर पर कहा कि बैठक में पीएम आवास योजना,पीएम ग्राम सड़क योजना और मनरेगा जैसी विभिन्न ग्रामीण योजनाओं पर चर्चा की गई. हम ग्रामीण झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।" जिसके तत्काल बाद हेमंत सोरेन की ओर से ट्विट किया गया कि “नई दिल्ली में माननीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आदरणीय श्री @girirajsinghbjpजी से मुलाकात कर झारखण्ड राज्य के ग्रामीण विभाग से जुड़े आवास, 15वे वित्त आयोग तथा मनरेगा आदि समेत विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई.
साफ है कि हेमंत सोरेन अब आवास योजना के बहाने केन्द्र सरकार को घेरने की है, उनकी कोशिश आवास मुद्दे को हवा देकर राज्य के आदिवासी मूलवासी समुदाय में केन्द्र सरकार के खिलाफ हवा तैयार करने की है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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