TNP DESK: झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित विधायक लोबिन हेंब्रम को हाई कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी . हेंब्रम ने 25 जुलाई को उनकी सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने फिलहाल सदस्यता रद्द किए जाने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
स्पीकर कोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ही फैसला दे दिया: जयप्रकाश पटेल
दूसरी ओर मांडू के निवर्तमान विधायक जयप्रकाश पटेल ने स्पीकर ट्रिब्यूनल कोर्ट से सदस्यता रद्द करने के फैसले को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि स्पीकर कोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ही फैसला दे दिया है. इसलिए सदस्यता बहाल की जानी चाहिए. जयप्रकाश भाई पटेल भाजपा में रहते हुए कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ा था. उनके खिलाफ दल बदल का मामला स्पीकर के कोर्ट में चल रहा था.
स्पीकर ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ लोबिन गए हाईकोर्ट
इधर, हेंब्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहते हुए राजमहल लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ चुनाव लड़ा था. यह अलग बात है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी विजय हांसदा चुनाव जीत गए. उसके बाद स्पीकर ट्रिब्यूनल ने हेंब्रम की सदस्यता खत्म करने का आदेश दिया. इसी आदेश के खिलाफ वह हाई कोर्ट गए हैं. वैसे तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक और विधायक चमरा लिंडा पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चमरा लिंडा को सिर्फ निलंबित किया लेकिन लोबिन हेंब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया. हेंब्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहते हुए पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अख्तियार किए हुए थे. लोकसभा चुनाव के पहले उन्हें समझाने की कोशिश हुई, लेकिन वह चुनाव लड़ने पर अड़े रहे. फिर पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया.
5 महीने सरकार में रहते तो 5 लाख नौकरी देते: हेमंत सोरेन
फिलहाल झारखंड में राजनीति पूरी तरह से गरमाई हुई है. पक्ष और विपक्ष दोनों के तेवर कड़े हैं. भाजपा जहां वर्तमान सरकार पर हमलावर है ,वही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के तेवर भी कम कड़े नहीं है. कई मोर्चों पर वह भाजपा को लगातार चुनौती दे रहे हैं. भाजपा 2024 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा या कहे गठबंधन से सरकार छीनने की कोशिश में है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी सरकार बचाने के लिए एड़ी चोटी एक किए हुए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताई और केंद्र की नीतियों पर प्रहार किया. साथ ही घोषणा की कि इंडिया की सरकार बनी तो हर घर को एक-एक लाख दिए जाएंगे .मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने डेढ़ लाख नौकरी दी तो उन्हें जेल में डलवा दिया गया. 5 महीने सरकार में रहते तो 5 लाख नौकरी देते. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के 50 फ़ीसदी विधायक चुनाव हारेंगे. हमारा लक्ष्य सामने है. हम झुकने वाले नहीं हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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