टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-झारखंड में दूरस्थ शिक्षा के जरिए डिग्री लेने वाले फिजियोथेरेपिस्ट अस्पतालों में अपनी सेवा नहीं दे पायेंगे औऱ न ही इसकी प्रैक्टिस ही कर सकेंगे. झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा परिषद ने ये कदम उठाया है . दूरस्थ शिक्षा से डिग्री लेने वाले फिजियोथेरेपिस्ट का निबंधन नहीं करने का फैसला लिया गया.
अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन की अगुवाई में शासी परिषद की शनिवार को बैठक हुई, जिसमे यह फैसला लिया गया कि ऐसे डिग्री धारी पकड़े जाते है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि निर्णय लिया गया कि फिजियोथेरेपी में साढ़े तीन वर्ष का डिप्लोमा उत्तीर्ण व्यक्ति, जो साल 2004 तक के सत्र में उत्तीर्ण हैं, उनका अनिवार्य रूप से परिषद में निबंधन किया जाएगा. इसके अलावा यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी के द्वारा जिसमे मास्टर आफ फीजियोथेरेपी जैसे ऑर्थो, न्यूरो, स्पोर्ट्स, कार्डियोपलमनरी आदि में मास्टर डिग्री प्राप्त करनेवाले और विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट चिकित्सक का भी निबंधन अतिरिक्त योग्यता के रूप में किया जाएगा.
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