रांची(RANCHI): विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड पार्टी को एक तगड़ा झटका लगा है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष समेत सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपना इस्तीफा भेज दिया है. इस्तीफे के बाद अजित कुमार अब कुछ नए तेवर में दिख सकते है. बता दें कि अजित कुमार राज्य में वरीय अधिवक्ता है. पूर्व में सरकार के महाधिवक्ता के पद पर भी रह चुके है. साथ ही एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ मानें जाते है.
अजित कुमार शुरू से ही राज्य के युवाओं की आवाज बनते दिखे है. किसी भी विवाद में जब छात्र कोर्ट पहुंचते तो साथ में अजित कुमार मजबूती के साथ छात्रों के केस को पेश करते है. चाहे JSSC का मामला हो या अन्य नियुक्तियों का सभी में अजित कुमार छात्रों के साथ खड़े दिखते है. कई केस में छात्रों को जीत भी अजित कुमार ने दिलाई है. बीच में अधिवक्ता के साथ-साथ राजनीतिक दल में शामिल हो कर मुखर होकर छात्रों की आवाज बनते दिखे है. साथ ही झारखंड के कई जटिल मुद्दों पर अपने मुखरता से आवाज उठाया है.
अब अजित कुमार ने झारखंड पार्टी से इस्तीफा दिया है तो संभवत वह किसी दूसरे दल में शामिल हो सकते है. झारखंड में एक बड़ा कद अजित कुमार है. सभी राजनीतिक दल उन्हे अपने साथ लेना चाहता है. जिससे विधानसभा चुनाव के दौरान उनके अनुभव का इस्तेमाल कर सके. हलाकी अब तक अजित कुमार की ओर से किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है. देखना होगा आगे क्या रास्ता अपनाते है.
अजित कुमार ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि लंबे समय से अधिवक्ता से लेकर महाधिवक्ता तक रहे है. शुरू से ही युवाओं और मूलवासियों के दर्द को देखा है. जिसे देखते हुए राजनीतिक में कदम रखा था. झारखंड पार्टी में अपनी सेवा दिया कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर भी रहे. लेकिन ऐसा लग रहा है कि अपने अनुभव और योग्ता के अनुरूप काम नहीं कर पा रहा हूं, जिसके वजह से पार्टी के सभी पद और सदस्यता से इस्तीफा देने का मन बनाया है.
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