टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-अपना मुकद्दर अपनी मेहनत के पसीने से बनाने वाले बच्चों की तकदीर अब संवारने वाली है. उनके जोश, जज्बे औऱ जुनून को परवाज झारखंड सरकार देने की ठान ली है. कोई भी रुकवाट और अड़चन उनकी राह में अब नहीं आने वाली, बस उन्हें अपने आत्मविश्वास के साथ मंजिल की तरफ बढ़ते जाना है. अपना मुकाम हासिल करने के लिए रात-दिन एक करके बस पढाई करनी है. दरअसल, दसवीं और बारहवी पास करने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार उनके आगे की पढ़ाई में मदद करने का एलान किया है.
झारखंड सरकार की पहल
हेमंत सोरेन की सरकार ने आर्थिक तौर से कमजोर मेधावी छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. मेडिकल, इंजीनियरिंग औऱ अन्य प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना और यूपीएससी,जेपीएससी सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री एकलव्य प्रशिक्षण योजना शुरू की जा रही है. इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि झारखंड के स्थानीय निवासी के अलावा झारखंड से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करने वाले अन्य राज्यों के छात्र भी इसका फायदा उठा सकेंगे . हलांकि, इसमे एक बाध्यताये है कि इन छात्रों के परिवर की वार्षिक आय आय आठ लाख रुपये से अधिक नहीं हो. खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुको को भी इसका लाभ मिलेगा.
रहने-खाने के लिए मिलेंगे 2500 रुपए
राज्य सरकार दोनों योजनाओं में निशुल्क कोचिंग के अलावा चयनित छात्र-छात्राओं को रहने-खाने आदि के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता की राशि प्रदान करेगी. राज्य सरकार ने ये फैसला किया कि हरेक साल आठ हजार छात्र-छात्राओं को जहां विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करायेगी, वही 27 हजार छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करायेगी.
कोचिंग संस्थान किए जायेंगे सूचिबद्ध
राज्य सरकार ने इसे लेकर क्रमश: 45 तथा 25 कोचिंग संस्थान सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया है. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने कोचिंग संस्थानों को लिस्टेड करने के लिए इच्छा की अभिव्यक्ति आमंत्रित कर दी है. कोचिंग संस्थान के लिए प्रवेश परीक्षाओं के मामले में न्यूनतम 10 तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं के मामले में न्यूनतम पांच फैकल्टी होना अनिवार्य किया गया है. साथ ही उसका झारखंड में सेंटर भी होना चाहिए. अगर सेंटर नहीं है तो स्थापित करने का अंडरटेकिंग देना होगा.
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