धनबाद(DHANBAD): झारखंड में सिर्फ आदिवासी मतदा ताओं को ही रिझाने की कोशिश नहीं हो रही है बल्कि अल्पसंख्यक वोटरों को भी अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास किये जा रहे है. पूरे झारखंड में 2011 की जनगणना के अनुसार 14.5% मुस्लिम मतदाता है. इसको लेकर रस्साकशी राजनीतिक दलों में चल रही है. कौन कितना अपने पक्ष में आदिवासी और मुस्लिम वोटरों को कर पता है, इसका पता तो चुनाव के बाद ही चलेगा. लेकिन फिलहाल एक से एक तरकीब और तरीके निकाले जा रहे है. फिलहाल झारखंड में भाजपा बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में सीट बढ़ाने की कवायद कर रही है तो कांग्रेस भी मीर को सामने लाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही है. झारखंड में मुस्लिम आबादी को अपने पक्ष में करने के लिए सभी दल प्रयास कर रहे है. अभी गिरिडीह के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से डॉक्टर सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस के नए प्रभारी मीर झारखंड के दो दिनी दौर पर पहुंच रहे है. क्या निर्देश, क्या संदेश और कांग्रेसियों को कितना एकजुट कर पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.
राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस के प्रभारी पहुंचे झारखंड
झारखंड के नए प्रदेश प्रभारी गुलाम मोहम्मद मीर मंगलवार को झारखंड पहुंचे. वह बुधवार को भी झारखंड में ही रहेंगे. राजनीतिक हलचल के बीच वह झारखंड पहुंचे है. चुनाव के ठीक पहले मीर को झारखंड का प्रदेश प्रभारी क्यों बनाया गया, इसके पीछे अपने-अपने तर्क है. अधिकृत तौर पर तो कोई कुछ नहीं कहता लेकिन यह बात दिखने लगी है कि कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा को "वॉक ओवर" देने के मूड में नहीं है. यह बात हो सकती है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सहमति से ही कांग्रेस ने मीर को प्रभारी बनाया हो. अल्पसंख्यक वोटर झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी वोट करते हैं तो कांग्रेस को भी छोड़ते नहीं है. भाजपा ने 28 आदिवासी सीटों को ध्यान में रखकर बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. यह अलग बात है कि अभी तक बाबूलाल मरांडी के "कैबिनेट" का विस्तार नहीं हुआ है. लेकिन राजनीतिक पंडित यह मानते हैं कि झारखंड के विधानसभा के 18 सीटों को ध्यान में रखकर अल्पसंख्यक को कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है.
झारखण्ड विधानसभा के कुल 18 सीट है चिन्हित
जानकारी के अनुसार झारखंड के जामताड़ा, पाकुड़, राजमहल, गोड्डा, मधुपुर, गांडेय , टुंडी, महागामा, राजधनवार, रांची ,हटिया , सारठ ,पांकी ,डुमरी, बगोदर, मांडर , कांके, चंदनकियारी ऐसे सीट है, जहां परिणाम पर मुस्लिम मतदाता उलट फेर कर सकते है. शायद इसी को ख्याल में रखकर कांग्रेस ने मीर को प्रभारी बनाया है. पाकुड़ में मुसलमानों की संख्या 35.8 प्रतिशत है, साहिबगंज में 34.6 प्रतिशत है, गोड्डा में 22.02% है, गिरिडीह में 20.8 प्रतिशत है, जामताड़ा में 20.7 प्रतिशत है, लोहरदगा में यह संख्या 20.5 प्रतिशत, देवघर में 20.02% है. हजारीबाग में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 16.02 प्रतिशत है जबकि धनबाद में 16.8 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है. कोडरमा, गढ़वा तथा रांची जिले में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 14% से अधिक है. झारखंड सरकार में अभी दो मुस्लिम मंत्री हैं आलमगीर आलम और हफीजुल हसन.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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