Jharkhand Assembly Election : 28 आदिवासी आरक्षित सीटों पर भाजपा का "सुपर बॉस" कौन, पढ़िए इस रिपोर्ट में

धनबाद(DHANBAD): झारखंड में अभी विधानसभा के 28 आदिवासी आरक्षित सीटों को लेकर भाजपा में गुणा -भाग चल रहा है. यह वही 2 8 आदिवासी सीट है, जिन पर जो दल बाजी मारेगा, उसकी सरकार बनेगी. भाजपा के पास फिलहाल दो सीट है. इधर, धनबाद भाजपा में चर्चा तेज है कि क्या पूर्व सांसद कड़िया मुंडा 28 आदिवासी सीटों के "सुपर बॉस" बनेगे. चर्चा इसलिए छिड़ी हुई है कि कड़िया मुंडा 7 अगस्त को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. उनसे बातचीत की , इस दौरान झारखंड की राजनीति पर भी चर्चा हुई. कड़िया मुंडा अभी भाजपा के मुख्य धारा से अलग है. 2019 के चुनाव में उन्हें उनके पारंपरिक लोकसभा सीट खूंटी से टिकट नहीं दिया गया था. उनकी जगह पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को लड़ाया.
2019 में खूंटी लोकसभा सीट से नहीं मिला था टिकट
2019 में अर्जुन मुंडा कम वोटो से ही सही, लेकिन चुनाव जीत गए. लेकिन 2024 में वह चुनाव हार गए. इधर, 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा काफी सीरियस है और हर तरकीब को आजमाना चाहती है. जिससे अधिक से अधिक सीट हासिल हो सके. झारखंड की राजनीति में कड़िया मुंडा की गहरी पकड़ है. 12 बार लोकसभा चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है. आठ बार वह लोकसभा का चुनाव भी जीते है. लोकसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके है. 2019 में टिकट नहीं मिलने के बाद वह भाजपा के मुख्य धारा की राजनीति से अलग रहे. कड़िया मुंडा के बारे में बताया जाता है कि 1977 में पहली बार मोरारजी देसाई की सरकार में मंत्री बने थे. उसके बाद अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में केंद्र में मंत्री रहे.
2009 में कड़िया मुंडा को लोकसभा का उपाध्यक्ष चुना गया था
2009 में उन्हें लोकसभा का उपाध्यक्ष चुना गया था. यह अलग बात है कि झारखंड राज्य अलग होने के बाद 2004 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद 2005 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक बने थे. यह अलग बात है कि भाजपा इस बार संगठन के साथ-साथ चुनाव प्रभारियों को झारखंड में लगाया है. मकसद साफ है कि झारखंड में इस बार सरकार बनाना भाजपा का लक्ष्य है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन भी कमर कस कर खड़ा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को झारखंड के पांच आदिवासी लोकसभा आरक्षित सीटों पर जीत मिली है. इससे इंडिया गठबंधन भी उत्साहित है. देखना है कड़िया मुंडा से आदिवासी आरक्षित सीटों के लिए केवल राय ली जाती है या उनके सुझाव पर अमल भी किया जाता है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कड़िया मुंडा का सुझाव महत्वपूर्ण हो सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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