झरिया :47 करोड़ की लागत से बन रही सड़क के बीचो -बीच बना गोफ, उठने लगे सवाल


धनबाद(DHANBAD): 47 करोड़ की लागत से बन रही है सड़क और रोड के ठीक बीचों -बीच रविवार को गोफ बन गया. अब उससे जहरीली गैस निकल रही है.जमीन के नीचे धधकती आग और ऊपर डरी -सहमी जिंदगी. यह कोई फिल्म का डायलॉग नहीं बल्कि झरिया के अगल-बगल के इलाकों की जमीनी सच्चाई है. झरिया की भूमिगत आग की बढ़ती रफ़्तार कई प्रयासों,उपयोग में लाई गई कई तकनीक को भी बेनकाब करती है. और यह बताती है कि आग बुझाने के जितने भी प्रयास किए गए, उनमें ईमानदारी की भरपूर कमी रही.
आग बुझाने के लिए पानी की तरह बहाया गया पैसा
पैसा तो पानी की तरह बहाया गया लेकिन आग की रफ्तार कम नहीं हुई. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी झरिया आए थे और उन्होंने भी आग को नियंत्रित करने के उपाय सुझाए थे. लेकिन कथनी और करनी में फर्क देखना हो तो झरिया इसका सर्वोत्तम उदाहरण हो सकती है. रविवार को झरिया -बलियापुर मुख्य मार्ग पर गोफ बन गया. इस गोफ से तेज धुंवा निकल रहा है. आग की रफ्तार क्या है ,अगल-बगल के इलाकों को भी क्या अपनी चपेट में लेगी ,इसका पता तो किसी जांच के बाद ही चलेगा. लेकिन जिस सड़क पर गोफ बना है 47 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है.
तो क्या बिना किसी जाँच के ही निर्गत हो गया टेंडर
अब सवाल उठता है कि 47 करोड़ रुपए की लागत से जिस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तो क्या निर्माण कार्य के पहले यह पता नहीं लगाया गया था कि सड़क के नीचे जमीन की क्या स्थिति है ,कही यहाँ भूमिगत आग का जोर तो नहीं है. यह तो हुई योजना बनाने वालों की नाकामी, लेकिन जिस रफ्तार से गैस निकल रही है और आग बढ़ रही है तो अब इलाके के भविष्य का क्या होगा, इस पर लोगों की नजरें टिकी हुई है. आखिर क्या वजह है कि आग को नियंत्रित करने के जितने भी उपाय किये गए ,सब के सब बेकार साबित हुए.
रिपोर्ट :प्रकाश महतो
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