धनबाद(DHANBAD): धनबाद की झरिया में "दो गोतनियों" में राजनीतिक लड़ाई के बीच मजदूर संगठन को लेकर "देवर -भौजाई" में भी आगे निकलने की होड़ शुरू हो गई है. इस होड़ पर कोयलांचल की नज़रें टिक गई है. जनता मजदूर संघ कितना मजबूत रहता है या जनता श्रमिक संघ कितना ताकतवर होता है, इस पर सब की नजर बनी हुई है. धनबाद की झरिया सिंह मेंशन की पहचान रही है. 1977 में पहली बार यहां से सूर्यदेव सिंह विधायक बने थे. उसके बाद 1980,1985 और 1990 में विधायक रहे. यह बात अलग है कि उन्होंने अपनी ताकत और शोहरत बढ़ाने के लिए उस समय जनता मजदूर संघ का गठन किया था. क्योंकि कोयलांचल में बिना मजदूर संगठन के बेखौफ राजनीति हो नहीं सकती थी. आज भी नहीं होती है.
सूर्यदेव सिंह ने किया था जनता मजदूर संघ का गठन
इसलिए ,सूर्यदेव सिंह ने भी जनता मजदूर संघ का गठन किया. यह बात अलग है कि झरिया सीट पर दो गोतनियो के बीच राजनीतिक लड़ाई चल रही है. यह लड़ाई चुनाव जीतने को है. 2019 में एक गोतनी ने दूसरे को परास्त कर चुनाव जीता. लेकिन अब मजदूर संगठन को लेकर लगता है कि देवर -भोजाई(सिद्धार्थ गौतम और रागनि सिंह ) में भी आगे निकलने की "जंग" छिड़ गई है. जेल में बंद संजीव सिंह ने अपने समर्थकों को "शेल्टर" देने के लिए जनता श्रमिक संघ नामक नया संगठन बनाया है. जनता मजदूर संघ की कमान फिलहाल सूर्यदेव सिंह के छोटे बेटे सिद्धार्थ गौतम के पास है. अपने लोगों को "कट टू साइज" करने से नाराज संजीव सिंह ने नया संगठन बनाया. संजीव सिंह इसके महामंत्री हैं जबकि उनकी पत्नी भाजपा नेत्री रागिनी सिंह संयुक्त महामंत्री है. इधर जनता मजदूर संघ छोड़कर लगातार लोग जनता श्रमिक संघ में शामिल हो रहे है. अभी हाल ही में रागिनी सिंह में आस्था जताते हुए जनता मजदूर संघ से जुड़े सी के साइडिंग के मजदूर जनता श्रमिक संघ में शामिल हुए. रागिनी सिंह ने जनता श्रमिक संघ में सबका स्वागत किया.
अब जमीन पर दिखने लगी है खींचतान
जनता श्रमिक संघ के गठन के समय से ही यह लगने लगा था कि जनता मजदूर संघ और जनता श्रमिक संघ के बीच खींचतान चलेगी और यह खींचतान अब जमीन पर दिखने लगी है. मतलब झरिया विधानसभा सीट पर तो नहीं लेकिन मजदूर संगठन में अब देवर और भोजाई के बीच आगे निकलने की होड़ शुरू हो सकती है. भाजपा नेता मुकेश पांडेय को भी अभी हाल ही में जनता श्रमिक संघ का केंद्रीय सचिव बनाया गया है. जनता मजदूर संघ की ताकत कमजोर नहीं हो, इसका ख्याल सिद्धार्थ गौतम जरूर रखेंगे जबकि जनता श्रमिक संघ और ताकतवर बने इसकी कोशिश रागिनी सिंह करेंगी. संजीव सिंह तो फिलहाल जेल में है. वैसे भी सूर्यदेव सिंह स्थापित जनता मजदूर संघ अब तीन टुकड़ों में अब बट गया है. देखना दिलचस्प होगा कि दो गोतनियो में चल रही राजनीतिक लड़ाई के बीच मजदूर संगठन को लेकर देवर -भोजाई के बीच आगे निकलने की "जंग "में कौन किसको पटकनिया देता है, कौन किस पर भारी पड़ता है, इस पर सब की निगाहें टिकी रहेगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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