जामताड़ा (JAMTARA) : जिले के जामताड़ा थाना क्षेत्र के चलना पंचायत में जंगली हाथी के हमले से रविवार सुबह एक की मौत हो गई. गांव में अचानक हाथियों का झुंड घूस आया और एक व्यक्ति को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव भर में खुद हंगामा किया. सूचना पर विधायक इरफान अंसारी गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत किया. इसी बीच पुलिस और वन विभाग की टीम भी घटनास्थल पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
हाथी से बचने के लिए जंगल की और जा रहा था मृतक
मृतक की पहचान मनोज बास्की के रूप में हुई. वह चालना पंचायत के टोला रंगड़ाडीह का रहनेवाला था. जानकारी के अनुसार, मनोज बास्की हाथी आने की सूचना मिलने पर गांव के बाहर जंगल की ओर निकला था इसी दौरान यह हादसा हुआ.
बीते पांच सालों में 462 लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में इस साल जनवरी महीने में ही हाथियों के हमले में पांच लोगों की जान चली गई. आरटीआई के तहत मिली जानकारी के जवाब में पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि साल 2017 से अब तक हाथियों के हमले में झारखंड में ही 462 लोगों की जान गई है. वहीं बीते साल 2022 में हाथियों के हमले से 133 लोगों की मौत हुई थी. ऐसे में कहा जा सकता है कि हाथियों के हमले से हो रहे मौत के आंकड़ो में कोई कमी नहीं आई है. हालांकि इन घटनाओं के कारणों की बात करें तो इसका जिम्मेदार हाथियों के गुजरने वाले कॉरिडोर्स पर अतिक्रमण, जंगली जानवरों के लिए घटता खाना और रहने की जगह, जंगल में आग लगने की घटनाएं और माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच लगातार मुठभेड़ की घटनाएं हो सकती हैं. हालांकि राज्य सरकार के अनुसार, राज्य में 2015 से 2021 के बीच वनक्षेत्र 23,478 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 23,716 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ गया है. लेकिन इसके बावजूद इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की घटनाएं घटी नहीं बल्कि बढ़ी हैं.
रिपोर्ट : आर पी सिंह, जामताड़ा
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