जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर से 15 किलोमीटर दूर पोटका के कुजू से माटकू तक स्वर्णरेखा परियोजना के तहत नहर बनना था, लेकिन एक से दो किलोमीटर तक नहर बनने के बाद उसका काम वर्षो से ठप पड़ा है. वहीं काम में लगी मशीनों में भी जंग लग चूकी है. नहर का काम ठीक से शुरु भी नहीं हुआ कि नहर में दरारे पड़नी लगी है. यह योजना अरबों रुपयों की थी. नहर बनने का काम जब शुरु हुआ तो ग्रामीणों में एक उम्मीद जगी थी क्योंकि नहर का काम पूरा होने से उनके खेतों को समय से पानी मिलेगा और वे अच्छी खेती कर सकेंगे, मगर उन्हें क्या मालूम था कि नहर का काम ठप पड़ जाएगा.
नहर का काम ठप पड़ने से ग्रामीणों में एक मायूसी देखने को मिल रहा है
वहीं नहर का काम ठप पड़ने से ग्रामीणों में एक मायूसी देखने को मिल रहा है. वहीं नहर का काम पूरा नहीं हुआ और ग्रामीणों को अब तक उनके जमीन का मुआवजा भी नहीं मिला है. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों का साफ कहना है कि जमीन गई, लेकिन नहर का काम पूरा हो जाता तो उनके खेतों को समय से पानी मिलता और वे अच्छी खेती कर पाते, लेकिन काम ठप होने से उन्हें लग रहा है कि जमीन भी गई और उन्हें मुआवजा भी नहीं मिला. जिसको लेकर ग्रामीण सरकार से मुआवजे की गुहार भी लगा रहे है.
ग्रामीणों का कहना है कि यदि मुआवजा नहीं मिला तो उग्र आंदोलन होगा
ग्रामीणों का साफ कहना है कि यदि मुआवजा नहीं मिला तो सभी ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे. इस मामले में कई दिनों से विभाग केअधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन सभी अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है, और कैमरे पर बोलने से साफ बच रहे है. नहर का काम ठप हो गया ग्रामीणों की जमीन भी गई और उन्हें मुआवजा की राशि भी नहीं मिली. ग्रामीणों का गुस्सा जायज है, लेकिन नहर का काम ठप होने से अब राज्य सरकार को इसमे पहल करने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीणों को उनके जमीन का मुआवजा मिल सके.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा
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