रांची(RANCHI): झारखंड में भाषा और 1932 आंदोलन से राजनीति की शुरुआत करने वाले नेता जयराम महतो फिर अब सरकार पर हमलावार हो गए है. राज्य में नौकरी पर सरकार से सवाल पूछ रहे है. आखिर झारखंड के लोगों को कौन और कैसे बचाएगा. हर दिन दूसरे राज्यों से झरखंडियो का शव पहुंच रहा है और इस राज्य में बाहरी को नौकरी दी जा रही है. क्या इसी दिन के लिए झारखंड को अलग राज्य बनाया गया था. पिछले दो माह से 16 से अधिक मजदूरों का शव पहुंचा है.
जयराम महतो ने रांची प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर सरकार पर कई आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मिनिरल्स झारखंड का लेकिन इसपर राज कोई और कर रहा है. दूसरे राज्य में झारखंड के मजदूर जा कर ज़िंदगी दाव पर लगा रहे है. लेकिन झारखंड में जब रोजगार की बात आती है तो यहां बाहर के लोगों को भर्ती की जाती है. जबकि दूसरे राज्य में ऐसा नहीं है. यहां के पढ़ें लिखे लोग प्लांट में जा कर मजदूरी करने को मजबूर है. पिछले दो माह में 16 मजदूरों का शव झारखंड पहुंचा है.
जयराम ने सरकार से सवाल पूछा कि झारखंड के अलग राज्य की परिकल्पना इसी लिए की गई थी. जब राज्य अलग हुआ था तो एक उम्मीद यहां के लोगों में थी कि अब अपना राज्य मिल गया. सभी झारखंडी खुशी से रहेंगे. रोजगार के अवसर खुलेंगे. लेकिन राज्य अलग होने के बाद भी दूसरे राज्य के नीचे लोग दबे हुए है. अपने राज्य को छोड़ कर बाहर जा रहे है. समय रहते झारखंड को बचाने की जरूरत है. जिससे आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रह सके.
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