रांची(RANCHI)- पिछले कुछ दिनों से 1932 के खतियान को लेकर प्रति दिन 21 कि.मी की हॉफ मैराथन दौड़ लगा युवाओं में जागरुकता अभियान चलाते रहे झामुमो के पूर्व विधायक और वर्तमान में खतियानी झारखंड पार्टी के नेता अमित महतो को आज रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर के बाद जेल भेज दिया गया.
अमित महतो के विरुद्ध खतियान आधारित स्थानीयता की मांग को लेकर वर्ष 2022 में विधान सभा घेराव के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने और सड़क जाम करने का आरोप है, धुर्वा पुलिस ने इस मामले में अमित महतो के खिलाफ (कांड संख्या 208/2022) प्राथमिकी दर्ज की थी.
हालांकि अमित महतो ने इस मामले में रांची सिविल कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने जमानत से इंकार कर दिया. जिसके बाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका भी दायर की गयी, लेकिन हाईकोर्ट से भी उन्हे निराशा हाथ लगी, जिसके बाद अमित महतो ने आज रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया, और कोर्ट ने उन्हे जेल भेज दिया.
झारखंडी अस्मिता की रक्षा और पहचान के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार
जेल जाने से पूर्व अमित महतो ने अपने समर्थकों और मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह जेल यात्रा तो कुछ भी नहीं है, झारखंडी अस्मिता की रक्षा और पहचान के लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. किसी भी कीमत पर खतियान आधारित स्थानीयता की नीति की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. जेल से आने के बाद एक बार फिर से झारखंडी युवाओं में अलख जगाने के लिए 21 कि.मी की हॉफ मैराथन दौड़ को जारी रखेंगे.
झारखंड की हर कुर्सी पर खतियानधारियों को बिठाना होगा
उनकी लड़ाई झारखंड में झारखंडियों को हिस्सेदारी दिलवाने की है, आज झारखंडियों का हिस्सा बाहरी मार रहे हैं. जब तक 1932 का खतियानी झारखंड की हर कुर्सी पर काबिज जब तक नहीं होगा, तब तक झारखंड की जनता के साथ इंसाफ नहीं होगा.
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