है न अजीब बात: दिल्ली से अधिक प्रदूषण धनबाद की झरिया में लेकिन न बीसीसीएल को दिखता और न निगम महसूस करता!


धनबाद(DHANBAD) : झरिया का प्रदूषण अब सीमा लांघ गया है. स्थिति रोज-रोज विकट होती जा रही है. धूल कण से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. सड़कों पर कोयला लोड गाड़ियां नियम की परवाह किए बगैर दौड़ रही है. गर्भ में प्रदूषण के दुष्प्रभाव से दिव्यांग बच्चे जन्म ले रहे है. झरिया का प्रदूषण इतना अधिक हो गया है कि अब लोगों के जीवन पर सीधा असर डाल रहा है. झरिया के लोग अपनी आयु से कम जीवन जी रहे हैं, लेकिन ना बीसीसीएल इसको लेकर गंभीर है और ना ही नगर निगम लोग.
लोग तो यह भी कहते हैं कि झरिया में दिल्ली से अधिक प्रदूषण है ,लेकिन चुकि दिल्ली देश की राजधानी है, इसलिए वहां के प्रदूषण को लेकर हो हल्ला हो रहा है ,लेकिन झरिया की कोई सुन नहीं रहा है. ग्रीन लाइफ एवं यूथ कॉन्सेप्ट के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस पर स्वतंत्र भारत उच्च विद्यालय भगा में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण कर प्रदूषण नियंत्रण की शपथ ली. कार्यक्रम में झरिया की कोयला खनन से उत्पन्न वायु प्रदूषण का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया.
ग्रीन लाइफ के संयोजक डॉ मनोज सिंह ने कहा कि झरिया में वायु प्रदूषण दिल्ली से अधिक है. लेकिन यहां का प्रदूषण हमारे रहनुमाओं को दिखाई नहीं देता है. कोयलांचल में लोग प्रदूषण के कारण गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे है. डॉ मनोज ने कहा कि प्रदूषण का दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है, जिसके कारण दिव्यांग बच्चे जन्म ले रहे है. यूथ कॉन्सेप्ट के संयोजक अखलाक अहमद ने कहा कि झरिया का प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है. जिसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जरूरत है. झरिया में प्रदूषण का दुष्प्रभाव भोपाल गैस त्रासदी से अधिक हो सकता है.
मो अखलाक ने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो झरिया के लोग सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे. कार्यक्रम में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह, स्पेशल एजुकेटर अखलाक अहमद, विद्यालय के प्रधान शिक्षिका छाया कुमारी, राजेश कुमार चौधरी, शालिनी कुमारी, उज्जवल कर, उत्पल कुमार, अखिलेश कुमार,एकराम अंसारी, तरन्नुम जहां, शायदा हाशिम खत्मा, माधवी झा, जितेंद्र यादव, अभिषेक रावत, शेखर सिंह, शशिकांत एवं हरिपदो महतो उपस्थित थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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