धनबाद(DHANBAD) : वैसे तो झारखंड को राजनीति का प्रयोगशाला कहा जाता है. झारखंड में एक से एक प्रयोग हुए है. निर्दलीय विधायक को मुख्यमंत्री बनाने का श्रेय भी झारखंड के खाते में ही है. इधर, झारखंड में फिर एक इतिहास बना है. एक साथ 18 भाजपा के विधायकों को निलंबित कर दिया गया है. बुधवार को रोजगार के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में हंगामा शुरू हुआ. विपक्ष के विधायक बेल में धरने पर बैठ गए. हंगामा के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. पर विपक्ष के विधायक बेल में ही बैठे रहे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मनाने पहुंचे पर विधायक नहीं मानें. बाद में रात 10 बजे के लगभग मार्शल ने सभी को जबरन निकाल दिया. इसके बाद सभी लॉबी में धरने पर बैठ गए. झारखंड विधानसभा में इस तरह की घटना शायद पहली बार हुई है.
अनुबंध कर्मियों के नियमितीकरण की मांग पर हंगामा
विधानसभा में बुधवार को प्रश्न काल के दौरान भाजपा विधायकों ने अनुबंधकर्मियों के नियमितीकरण का मामला उठाया. पूरे प्रश्न काल के दौरान भाजपा विधायक नारेबाजी करते रहे. इसके बाद दोपहर 12:30 बजे सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. दूसरी पाली में एक विधेयक वापस लेने और एक ध्यान आकर्षण के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने नौकरी और निविदा कर्मियों के स्थाईकरण पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जवाब की मांग की. कुछ देर बाद विपक्षी विधायक बेल में आ गए और जब तक मुख्यमंत्री का जवाब नहीं आ जाता, तब तक सदन छोड़कर नहीं जाने का ऐलान कर दिया. विपक्षी विधायक बैनर लेकर मुख्यमंत्री के जवाब की मांग करने लगे.
भाजपा के मुख्य सचेतक ने क्या कहा
भाजपा के मुख्य सचेतक ने कहा है कि सदन में सीएम जवाब देना नहीं चाहते. भाजपा चाहती है कि अंतिम दिन के बजाय मुख्यमंत्री सदन में अपनी बातों को गुरुवार को ही रखे. या फिर इस पूरे मामले में चर्चा कराये. लेकिन सरकार चर्चा भी नहीं कराना चाहती. मुख्य सचेतक ने कहा कि सदन में जब भाजपा विधायक धरने पर बैठे तो चारों तरफ से मार्शलों ने घेर लिया. सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद जबरन विधायकों को बाहर निकालने की कोशिश की गई. मार्शलों का विरोध विधायकों ने किया, इसके थोड़ी देर बाद ही बिजली, पानी ,ऎसी के कनेक्शन बंद कर दिया गया. शौचालय तक बंद कर दिया गया.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को भी कड़ी आपत्ति
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. बाबूलाल मरांडी ने घोषणा कर दी है कि बीजेपी की सरकार झारखंड में बनते ही सभी अनुबंध कर्मियों को स्थाई कर दिया जाएगा. इधर, भाजपा के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा है कि विधायकों को विधानसभा में बंधक बना दिया गया था. लोकतंत्र में चुनी गई सरकार के द्वारा की जा रही तानाशाही लोकतंत्र की हत्या है. संविदा कर्मियों व अनुबंध कर्मियों का मामला उठाना कोई अपराध नहीं है. हमारी मांग है कि संविदा कर्मियों, अनुबंध कर्मियों की मांग को तत्काल पूरा किया जाए. वर्तमान विधानसभा का संभवत यह अंतिम सत्र होगा. इसके बाद सभी पार्टियों चुनाव को जाएंगी.
सरकार को घेरने के लिए जबरदस्त हंगामा
इसके पहले विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने के लिए जबरदस्त हंगामा किया. हंगामें की परिणति हुई कि 18 विधायकों को एक साथ निलंबित कर दिया गया. झारखंड के इतिहास में भी इतना बड़ा हंगामा पहले नहीं हुआ था. इस तरह का हंगामा भी पहले नहीं हुआ था. एक साथ 18 विधायक निलंबित भी नहीं किए गए थे. यानी 2024 के विधानसभा चुनाव के पहले झारखंड में रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बन या बनाए जा रहे है. देखना है आगे-आगे होता है क्या. गुरुवार को भी हंगामा जारी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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