धनबाद(DHANBAD):जामताड़ा के कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी, धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह और निरसा के विधायक अपर्णा सेनगुप्ता पर भारी पड़े. इसबार बिंदिया पुल का शिलान्यास इरफान अंसारी ने अपने इलाके में मुख्यमंत्री के हाथों रविवार को कराया, तो निरसा क्षेत्र में इसका शिलान्यास सांसद पशुपतिनाथ सिंह और विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने गाजे बाजे के साथ कर कांग्रेस,झामुमो को ललकारा. चुनाव का वक्त है ऐसे में श्रेय लेने की होड़ बहुत स्वाभाविक है. और रविवार को कुछ ऐसा ही हुआ.
रविवार को मुख्यमंत्री ने 263.88 करोड़ की लागत के पुल का शिलान्यास किया
इस शिलान्यास को लेकर बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा में जुबानी जंग छिड़ गई है .जामताड़ा के वीर ग्राम फुटबॉल मैदान में रविवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 263.88 करोड़ की लागत के पुल का शिलान्यास किया. यह पुल 2984 मीटर लंबा होगा. बीजेपी नेताओं की मांग थी कि पुल का नाम बर बिंदिया है, इसलिए इसका शिलान्यास निरसा में होना चाहिए था. मुख्यमंत्री को निरसा आना चाहिए था और यही कार्यक्रम होना चाहिए था .लेकिन राजनीति कार्यक्रम पर हावी हो गई और जामताड़ा से पुल का शिलान्यास हुआ.
बीजेपी नेताओं ने निरसा की जनता का अपमान करने का आरोप लगाया है
दरअसल पुल का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हुआ था. वह समय रघुवर दास का कार्यकाल था,लेकिन निर्माण कार्य चलते ही पुल के पाए धंस गए और काम ठप हो गया. फिर नए सिरे से इसकी डीपीआर बनी और रविवार को शिलान्यास हुआ. 2022 में बर बिंदिया के बराकर नदी में नाव दुर्घटना हुई थी. जिसमें जामताड़ा के 14 लोगों की मौत हो गई थी. उस समय डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा था कि पुल के निर्माण के लिए वह प्रयास करेंगे. डॉक्टर इरफान का दावा है कि पुल का निर्माण मेरे प्रयास से हो रहा है . बीजेपी नेताओं का कहना है कि पुल का शिलान्यास बर बिंदिया में नहीं कर निरसा की जनता का अपमान किया गया है. विधायक अपर्णा सेनगुप्ता का कहना है कि वर्ष 2019 से लगातार सड़क से लेकर सदन तक पुल के लिए आंदोलन किया. 2009 से 2019 तक जामताड़ा और निरसा से जो भी विधायक हुए, उन्हें पुल निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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