टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अमेरिका (America) के राजनीति में उस समय उथल-पुथल मच गई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से मना कर दिया. रविवार को जो बाइडेन ने घोषणा करते हुए कहा कि, "यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है." गौरतलब है कि फैसला अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाली वोटिंग से चार महीने पहले आया है. साथ ही उन्होंने अपना समर्थन भारतीय मूल की महिला कमला हैरिस (Kamala Harris ) को किया है. बता दें कि कमला हैरिस वर्तमान में अमेरिका की पहली भारतीय मूल की अश्वेत उपराष्ट्रपति हैं. जिन्हें फीमेल ओबामा (Female Obama ) के नाम से भी जाना जाता है.
कौन है ‘फीमेल ओबामा’, जानें उपराष्ट्रपति बनने की कहानी
'फीमेल ओबामा' (Female Obama ) के नाम से मशहूर कमला हैरिस (Kamala Harris) पहली बार सीनेट की सदस्य भी बनीं. नवंबर 2020 में अपनी जीत के बाद ऐतिहासिक भाषण में हैरिस ने अपनी दिवंगत मां श्यामला गोपालन को याद किया, जो भारत की एक कैंसर शोधकर्ता (Cancer Researcher) और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं. हैरिस कहा था कि उनकी मां ने ही उन्हें राजनीतिक करियर के इस बड़े दिन के लिए तैयार किया था. उन्होंने यह भी कहा कि वह उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हो सकती हैं, लेकिन वह आखिरी नहीं होंगी.
कमला हैरिस का राजनीतिक सफर
‘फीमेल ओबामा’ कमला हैरिस ने अपने राजनीतिक करियर में कई मिसालें कायम की हैं. वह सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (District Attorney ) बनने वाली पहली महिला, पहली भारतीय मूल की और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं. राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2020) के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने अगस्त में हैरिस को अपना उप-राष्ट्रपति (Vice-President ) पद का उम्मीदवार चुना था. हैरिस कभी अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन की कटु आलोचक थीं. 59 वर्षीय हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों (Asian American Members) में से एक हैं. ओबामा के कार्यकाल के दौरान, वह 'फीमेल ओबामा' के नाम से लोकप्रिय थीं.
कमला हैरिस का भारत से जुड़ाव
20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले (UC Berkeley) आई थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे. हैरिस 1961 में अर्थशास्त्र (Economics) में स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए ब्रिटिश जमैका से यूसी बर्कले आए थे. यहां पढ़ाई के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानवाधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान ही उन्होंने शादी करने का फैसला किया.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कमला हैरिस ने की थी पढ़ाई
हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में पढ़ने वाली कमला सात साल की थीं जब उनके माता-पिता अलग हो गए. लेकिन कमला हैरिस और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहती थीं. उनकी मां का उन दोनों के जीवन पर बहुत प्रभाव था. हालांकि, वह दौर अश्वेत लोगों के लिए आरामदायक नहीं था.
भारतीय संस्कृति से जुड़ी रहीं कमला हैरिस
कमला और माया की परवरिश करते हुए उनकी मां ने दोनों को उनकी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया. वह भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी रहीं. इस संबंध में कमला ने बाइडेन-हैरिस अभियान वेबसाइट पर अपनी आत्मकथा "द ट्रुथ्स वी होल्ड" (The Truths We Hold ) में लिखा है कि उनकी मां जानती थीं कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन-पोषण कर रही हैं और उन्हें हमेशा अश्वेत के रूप में ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे मूल्य दिए कि कैंसर शोधकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को "श्यामला एंड द गर्ल्स" ("Brunette and the Girls") के नाम से जाना जाने लगा.
अमेरिका में कमला की लोकप्रियता
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से पढ़ाई करने के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (University of California) से कानून की पढ़ाई की. इसके बाद 2003 में वह सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक (Top Prosecutor) बनीं. 2010 में वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति बनीं. 2017 में हैरिस कैलिफोर्निया से जूनियर यूएस सीनेटर (Junior US Senator )चुनी गईं. 2014 में जब कमला ने अपने साथी वकील डगलस एमहॉफ (Douglas Emhoff) से शादी की, तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपराओं के साथ-साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं.
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