धनबाद(DHANBAD): मंत्री बन्ना गुप्ता ने धनबाद के प्रभारी मंत्री और धनबाद लोकसभा समन्वय समिति से इस्तीफे की अभी तक कोई पेशकश नहीं की है. मीडिया के जरिए ऐसी बातें सामने आई है. यह कहना है प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का. राजेश ठाकुर शनिवार को रांची में प्रोफेशनल कांग्रेस की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. जब मीडिया वालों ने उन्हें मंत्री बन्ना गुप्ता के इस्तीफा को लेकर सवाल दागे तो कहा कि किसी भी इस्तीफे की पेशकश मंत्री बन्ना गुप्ता की तरफ से नहीं की गई है. वहीं, झारखंड के प्रभारी अविनाश पांडे इन सवालों से बचते रहे. दरअसल, शुक्रवार की रात को धनबाद लोकसभा समन्वय समिति की बैठक धनबाद में हो रही थी. बैठक कभी नरम ,कभी गरम चल रही थी. आरोप- प्रत्यारोप भी चल रहे थे. समन्वय समिति की बैठक में 70 से 80 लोगों के बोलने के बाद जब मंत्री की बारी आई तो उन्होंने अपनी जगह पर खड़ा होकर कह दिया कि वह धनबाद के प्रभारी मंत्री और समन्वय समिति से इस्तीफा दे रहे है.
मंत्री ने सोमवार को इस्तीफा देने की बात कही थी
हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि इस्तीफा वह सोमवार को देंगे. कार्यक्रम स्थल से मंत्री सीधे सर्किट हाउस गए और वहां से रांची के लिए रवाना हो गए. यह सब हुआ लगभग रात 10 बजे के आसपास. हालांकि मंत्री को मनाने के लिए कुछ कांग्रेसी सर्किट हाउस भी पहुंचे लेकिन मंत्री किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे. यह अलग बात है कि बैठक से निकलने पर जब उन्हें मीडिया के कैमरे से सामना हुआ तो कहा कि धनबाद के कांग्रेस कार्यकर्ता अच्छे हैं, मैं उनको शुभकामना देता हूं ,धनबाद लोकसभा सीट जीतने के लिए भी मेरी शुभकामना है. यह एक तरह से व्यंग था और कार्यकर्ताओं की बोली से आहत मंत्री के दिल से निकली आवाज थी. इसके बाद तो शनिवार को जैसे ही यह खबर फैली लोग, इसके माने - मतलब निकालने लगे. दरअसल समन्वय समिति की बैठक में 50 लोगों को ही नामित किया गया था. लेकिन गुरुवार से शुरू हुए विवाद को खत्म करने के लिए कुछ और नाम को जोड़ा गया. यही से विवाद की शुरुआत हुई और रविवार को आगे बढ़ते- बढ़ते मंत्री के इस्तीफा की घोषणा तक पहुंच गई.
मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष थे निशाने पर
धनबाद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित मंत्री बन्ना गुप्ता को भी निशाने पर लिया था. धनबाद के कार्यकर्ता लगातार चिल्लाते रहे कि इस बार बाहरी किसी उम्मीदवार को वह बर्दाश्त नहीं करेंगे. बाद में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि मंत्री क्यों इस्तीफा देने की बात कही है, वह वही जाने लेकिन बैठक में कोई विवाद नहीं हुआ था. झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह समन्वय समिति की बैठक में मौजूद नहीं थी. शुक्रवार की सुबह मंत्री धनबाद पहुंचे थे. जनसुनवाई कार्यक्रम में लोगों की पीड़ा सुनी, निदान के उपाय किए लेकिन दोपहर बाद से किचकिच शुरू हुई और रात होते-होते यह किचकिच इस्तीफा देने की घोषणा में बदल गई. कांग्रेस के झारखण्ड प्रभारी क्यों इस पर कुछ कहने से बच रहे है ,यह अपने आप में सवाल है. ऐसे में तो कम से कम झारखण्ड में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस का कोई भला होता नहीं दिख रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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