देवघर के इस आश्रम में शारदीय नवरात्र के पहले दिन से ही होने लगती है प्रतिमा की पूजा, जानिए मान्यता


देवघर (DEOGHAR): कलश स्थापन के साथ दस दिनों तक चलने वाली दुर्गा पूजा शुरू हो गयी है. वैसे तो कलश स्थापन के साथ ही शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो जाता है और सात पूजा से माँ की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा कर पूजा की जाती है. लेकिन देवघर के बालानन्द आश्रम में मां की पूजा की एक अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है.
पुरानी परंपरा
दरअसल यहां पहली पूजा से ही मां की मूर्ति सामने रख कर पूरे वैदिक रीती-रिवाज के साथ 36 पुरोहितों द्वारा एक साथ दुर्गा शप्तसती का पाठ किया जाता है. पिछले दो वर्ष कोरोना महामारी के बंदिशों के कारण परंपरा से हट कर पूरी सादगी से मां की पूजा की गई थी. लेकिन इस वर्ष फिर से पूरे रीति रिवाज और धूमधाम से पूजा का आयोजन हो रहा है. यहां की परंपरा के अनुसार एक पूजा को एक कन्या की पूजा से शुरु कर महानवमी तक 45 कुमारी कन्या की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है. आश्रम के मुख्य पुजारी के अनुसार कोरोना महामारी के बाद एक बार फिर से पूजा की पुरानी परंपरा के साथ पूजा किया जा रहा है. प्रत्येक वर्ष आश्रम के शिष्य भी पूजा में शामिल होने बड़ी संख्या में झारखंड और अन्य राज्यों से आश्रम पहुंचते हैं.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर
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