सरायकेला(SARAIKELA): सरायकेला खरसावां जिले के धातकीडीह में चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को लोगों ने पकड़ लिया था. बीच रात उसे पकड़कर जमकर पिटाई की गई थी. कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई. मॉब लिंचिंग के रूप में सामने आया. 4 साल बाद बहुचर्चित मामले में कोर्ट का फैसला आया है.
जानिए कोर्ट ने क्या दिया है फैसला
17-18 जून, 2019 की रात 24 वर्षीय तबरेज अंसारी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया था. उस पर आरोप था कि वह चोरी की नीयत से एक घर में घुसा. उसके साथ दो अन्य लोग थे जो फरार हो गए लेकिन नींद खुल जाने की वजह से घरवाले ने उसे पकड़ लिया और आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए.
तबरेज अंसारी की पत्नी ने क्या कहा
बताया जाता है कि तबरेज अंसारी को लोगों ने बिजली के खंभे में बांधकर खूब पिटाई की. काफी पिटाई होने से वह घायल हो गया था.बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. उसके बाद जेल में उसकी तबीयत खराब हुई तो हॉस्पिटल ले जाया गया. बताया जाता है कि आंतरिक चोट की वजह से उसकी मौत हो गई.
तबरेज अंसारी जब घायल था तो उसने अपनी पत्नी को मोबाइल पर फोन करके अपनी हालत के बारे में बताया था. मृत्यु के बाद तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. यह भी जानकारी मिली कि जिस समय लोग उसे पीट रहे थे, उस समय जय श्रीराम के नारे लग रहे थे. इस मामले में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था. एक आरोपी की मौत हो गई. दो अन्य साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए. तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन फैसले से बहुत खुश नहीं दिखीं. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि ऊपरी अदालत में अपील की जाएगी.
सभी 10 आरोपियों को 10-10 साल की सजा
सरायकेला खरसावां अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश अमित शेखर ने सभी 10 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया गया है. तबरेज अंसारी कदमाडीह गांव का रहने वाला था. इस मामले को लेकर काफी हल्ला हंगामा हुआ था. तत्कालीन रघुवर सरकार पर उस समय के विपक्षी नेता हमला बोल रहे थे. इसे मॉब लिंचिंग का हिस्सा माना गया.
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