दुमका(DUMKA): सरकार के लाख प्रयास के बाबजूद दुमका से पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के लिए यह कोई नई बात भी नहीं है. जानकारों का मानना है कि 1977 से ही यहां के श्रमिक लेह, लद्दाख जैसे दुर्गम इलाके में जाते हैं और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन सड़क निर्माण का कार्य करते हैं. पहले बीआरओ के अधिकारी यहाँ आते थे और श्रमिकों को एकत्रित कर जिला प्रशासन से निबंधित करा कर अपने साथ ले जाते थे. कोरोना काल की शुरुवात में जब काम ठप्प पड़ गया तो श्रमिक वापस लौट आए थे. इस वजह से सीमा सड़क संगठन का कार्य प्रभावित होने लगा. उसके बाद राज्य सरकार और बीआरओ के बीच एमओयू हुआ और दुमका से विशेष ट्रैन से कामगारों को लेह, लद्दाख भेजा गया था. सीएम हेमंत सोरेन खुद दुमका रेलवे स्टेशन से झंडी दिखा कर श्रमिक स्पेशल ट्रेन को रवाना किया था. उस वक्त सीएम ने कहा था कि इससे एक तो प्रशासन के पास लेह, लद्दाख जाने वाले कामगारों के डेटा रहेगा वहीं दूसरी ओर श्रमिकों का शोषण नहीं होगा.
डीसी से की गई लिखित शिकायत
हाल के कुछ वर्षों में ना तो बीआरओ के अधिकारी यहाँ पहुंचे और ना ही सरकार के स्तर से कोई प्रयास हुआ. पलायन का सिलसिला रुका नहीं बल्कि बिचौलिया हावी हो गया और उसके माध्यम से श्रमिकों को सीमा सड़क संगठन में कार्य करने के लिए भेजा गया. लेकिन वहां जाने के बाद कुछ श्रमिकों ने शोषण की शिकायत इंटर स्टेट माइग्रेंट वर्कर यूनियन से की. संगठन द्वारा इसकी लिखित शिकायत डीसी से की गई. डीसी ने संगठन को 3 सदस्यों की सूची मांगी जो लेह लद्दाख जा कर श्रमिकों से मिलकर परेशानी से अवगत हो सके.
सदस्यीय टीम हुई लद्दाख रवाना
जिसके बाद संगठन द्वारा मितन दास, रियासत अंसारी और मो. कौसर आलम के नाम की सूची डीसी को सौपा. डीसी की अनुमति मिलने के बाद इंटर स्टेट माइग्रेंट वर्कर यूनियन की 3 सदस्यीय टीम रविवार को दुमका रेलवे स्टेशन से लेह लद्दाख के लिए रवाना हुए. इस मौके पर टीम के सदस्य रियासत अंसारी ने बताया कि डीसी के स्तर से सदस्यों की सूची बीआरओ और लेह, लद्दाख प्रसासन को भेजा जाएगा ताकि वहां टीम को जांच में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि वहाँ पहुच कर प्रवासी श्रमिकों से मिलकर उसकी परेशानी, किसके माध्यम से लेह, लद्दाख पहुचा, निबंधन हुआ या नहीं इन तमाम बिंदुओं पर जांच कर वापस लौटेंगे और डीसी को जांच रिपोर्ट समर्पित करेंगे. उन्होंने कहा कि हर हाल में प्रवासी कामगारों के शोषण बंद हो संगठन और जिला प्रशासन का यह प्रयास है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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