धनबाद(DHANBAD): धनबाद कोयलांचल में जिन इलाकों में अधिक कोयला चोरी होती है, वहां दुपहिया वाहनों की भी चोरी अथवा छिनतई ज्यादा होती है. अवैध उत्खनन से उत्पादित कोयले को दोपहिया वाहनों के जरिए ही कोयला चोरी मे किंग बने लोगों के डिपो में पहुंचाया जाता है. पूरे कोयलांचल में दो पहिया वाहन चोरी का आंकड़ा अलार्मिंग है. पुलिस जब सक्रिय होती है तो कुछ दुपहिया वाहन पकड़े जाते हैं लेकिन फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर ही चलने लगता है. इसी बीच कालूबथान पुलिस ने वाहन चोरों को पकड़ने के लिए एक अभिनव प्रयोग किया. यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा.
कैसे होती है बाइक चोरी
सोमवार को कालू बथान पुलिस ने 3 बाइक लिफ्ट रो को धर दबोचा. उनकी निशानदेही पर 4 और बाइक बरामद की गई है. इस इलाके में लगातार बाइक चोरी की घटनाएं हो रही थी. पुलिस ने नया प्रयोग किया. 4 बाइकों में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगा कर लावारिस उन जगहों छोड़ दिया गया, जहां से अधिक बाइक चोरी होती थी. फिर कंट्रोल रूम से बाइकों की निगरानी की जाने लगी. केवल 2 घंटे में ही एक बाइक चोरी कर ली गई. जीपीएस से पता चला कि उस बाइक को कालू बथान के उरमा गांव में ले जाया गया है. पुलिस ने छापेमारी कर बाइक के साथ तीन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ करने पर चार और चोरी की बाइक के संबंध में जानकारी मिली. बाइक चोरी में लगे लोगों के बारे में भी जानकारी मिली. जिन चोरों को पकड़ा गया है, उन लोगों ने पुलिस को बताया कि चोरी करने के बाद बाइकों का नंबर प्लेट हटाकर कोयला चोर गिरोह को बेच देते हैं. बाइकों का फिर कोयला चोर ढांचा बदल देते हैं और कोयला ढोते हैं.
धनबाद कोयलांचल की सड़कों पर कोयला लादकर दौड़ने वाले जितने भी दुपहिया वाहन दिखेंगे या दिखते हैं, उनमें से अधिसंख्य चोरी के ही होते हैं. दरअसल होता है यह है कि चोरी के दो पहिया वाहन को ढांचा ही बदल दिया जाता है और उसको चोरी का कोयला ढोने के काम में लगा दिया जाता है. यह बात भी सच है कि पुलिस भी यह सब जानती है लेकिन जानबूझकर चुप रहती है. थानों के सामने से ही दिन-रात कोयला लोड दुपहिया वाहन पार होते हैं फिर भी पुलिस को कुछ दिखलाई नहीं पड़ता.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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