धनबाद(DHANBAD): अगर सब कुछ अगर ठीक-ठाक रहा तो आने वाले समय में सांसद अपने इलाके में और अधिक मजबूत हो जाएंगे. जन सरोकार के कार्य अधिक कर सकते है. जानकारी निकल कर आ रही है कि सांसद निधि की राशि को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड रुपए करने पर विचार हो रहा है. संभावना अधिक है कि यह राशि 10 करोड़ हो जाए. इसके लिए सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना पर नवगठित संसदीय समिति की 7 जनवरी को पहली बैठक प्रस्तावित है. यह समिति मौजूदा 5 करोड़ को बढ़ाकर 10 करोड रुपए करने पर विचार कर सकती है. इस समिति के अध्यक्ष राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश है. इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा.
दरअसल, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा ने पिछले साल 29 अक्टूबर को इस मद की राशि को मौजूदा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड रुपए करने का आग्रह किया था. उन्होंने यह भी सुझाव दिया था की दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए सांसद निधि के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए. उनके इस सुझाव पर ही समिति विचार करेगी. इस योजना के तहत फिलहाल प्रत्येक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रतिवर्ष 5 करोड रुपए तक के कार्यों के लिए जिला प्रशासन को सुझाव देने का प्रावधान है. योजना के तहत राज्यसभा सदस्य उस राज्य के एक या एक से अधिक जिलों में कार्यो की सिफारिश कर सकते हैं, जहां से वह निर्वाचित हुए है.
यह राशि पांच लाख से बढ़कर एक करोड़, दो करोड़ होते हुए 5 करोड़ तक पहुंची है. और अब 10 करोड रुपए करने पर विचार चल रहा है. होता ऐसा है कि संसद अपने मत की राशि की योजनाओं के लिए जिला प्रशासन को अनुशंसा करते है. उसके आधार पर काम होता है और ठेकेदारों को भुगतान किया जाता है. हालांकि, यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि सांसद ग्राम योजना भी जोर-जोर से उठाई गई थी. हर सांसद को अपने लोकसभा क्षेत्र में एक इलाके को गोद लेना था. उस इलाके का विकास प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से करनी थी. लेकिन यह योजना बहुत कारगर साबित नहीं हुई.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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