रांची(RANCHI) - झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय की सक्रियता और अधिकारियों के पकड़े जाने से दहशत का माहौल है. दहशत वैसे अधिकारियों में अधिक है जो इधर-उधर करते हैं. 'वन टू का फोर, फोर टू का वन' करने वाले अधिकारी बहुत ही चिंतित हैं. कमोबेश राज्य में काम प्रभावित हो रहा है. राजनेता या फिर ब्यूरोक्रेट्स, सभी का हाल बुरा है. किस की कुंडली ईडी खंगाल रही है. यह समझ में नहीं आ रहा है. कुछ लोग तो ज्योतिष के पास भी पहुंच रहे हैं और अपना भविष्य जानने का प्रयास कर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने 1 साल में 2 आईएएस अफसरों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है.चीफ इंजीनियर भी जेल भेजे गए हैं. इसके अतिरिक्त राजनीति और माफिया गिरी से जुड़े लोग तो अंदर हैं ही.
अंचल अधिकारियों की रात की नींद गायब
कुछ आईएएस अधिकारी या राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दिन रात चिंता में डूबे हुए हैं. खासकर वैसे विभाग के अधिकारी जो माइनिंग, उत्पाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े हैं. कई अंचल अधिकारियों की रात की नींद गायब है. प्रोजेक्ट भवन में कार्यरत एक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कुछ अधिकारी इतने चिंतित हैं कि वे फाइल पर सिग्नेचर करने से कतरा रहे हैं. ग्रामीण विकास विभाग के भी अधिकारी चिंतित नजर आ रहे हैं. कुछ अधिकारियों ने बताया कि कब आफत किस रूप में आ जाए,यह समझ में नहीं आ रहा.अब वे लोग समझ गए हैं कि किसी के मौके का आदेश पर कोई काम नहीं करना है. नियम संगत और लिखित रूप में आदेश होगा तभी फाइल आगे बढ़ेगी. मालूम हो कि पिछले साल मनरेगा घोटाला में चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और इस साल रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की गिरफ्तारी से पूरी ब्यूरोक्रेसी में यह तेज चर्चा है कि अगला फिर कौन. बताया जा रहा है कि जून तक में कई विभागों के अधिकारी ईडी के द्वारा विभिन्न मामलों में बुलाए जा सकते हैं और कुछ जेल भी जा सकते हैं.
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