रांची(RANCHI ): - असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी है हिमंता विश्वा सरमा लगातार झारखंड आ रहे हैं. अलग-अलग जिलों में जाकर वस्तु स्थिति को समझ रहे हैं. चुनाव के दृष्टिकोण से मुद्दों को उठा रहे हैं और लहराने का प्रयास कर रहे हैं. गुरुवार को झारखंड पहुंचे हिमंता विश्वा सरमा ने पाकुड़ का दौरा किया. पाकुड़ में वे दो स्थान पर जाने वाले थे लेकिन एक स्थान पर उन्हें जाने नहीं दिया गया. संथाल परगना से देर रात असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और दीपक प्रकाश के साथ विशेष विमान से रांची लौटे.उसके बाद उन्होंने भाजपा विधायकों के साथ बैठक की.
गोपीनाथपुर नहीं जाने के बारे में क्या बताया सरमा ने
असम के मुख्यमंत्री गुरुवार को देवघर पहुंचे वहां से सड़क मार्ग के द्वारा पाकुड़ गए. उन्हें पाकुड़ के गोपीनाथपुर भी जाना था लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी.प्रशासन ने जो तर्क दिया कि उन्हें यानी असम के मुख्यमंत्री को खतरा हो सकता है.रांची में असम के मुख्यमंत्री ने बताया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जेड प्लस सुरक्षा वाले मुख्यमंत्री को झारखंड की हेमंत सरकार सुरक्षा देने में सक्षम नहीं है. ऐसा लगता है कि संथाल परगना का यह सब क्षेत्र बांग्लादेश हो गया हो.उन्होंने आगे कहा कि संथाल परगना में स्थिति बहुत खराब है.भयावह है.एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आदिवासी समाज के लोगों की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की जमीन को हड़पी जा रहा है. बांग्लादेशी घुसपैठिए का आतंक इतना है कि वह गरीब आदिवासी की जमीन को कब्जा कर रहे हैं.
संथाल परगना की स्थिति को अमित शाह के समक्ष रखेंगे
संथाल परगना की स्थिति के बारे में असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रभारी हिमांता विश्वा सरमा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पूरी जानकारी देंगे. उनसे उपयुक्त कदम उठाने की मांग करेंगे. इसके अलावा झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से भी मुलाकात कर जानकारी देंगे.
राहुल गांधी को अपनी जाति के बारे में बताना चाहिए
असम के मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में यह कहा कि राहुल गांधी दूसरे की जाति पूछ रहे हैं लेकिन अपनी जाति के बारे में नहीं बता रहे.बिना उनकी जाति को वे जनगणना कैसे कराना चाहते हैं.हिमंता विश्वा सरमा ने कहा कि राहुल गांधी एक अजीब मेटल हैं ,जो क्या कहते हैं, इसके बारे में उन्हें ही नहीं पता रहता है.वे जातीय जनगणना कराने की बात पूरे देश में करते हैं.लेकिन जब उनसे उनकी जाति पूछी जाती है तो वे नहीं बताते हैं.
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