हरित ऊर्जा का स्रोत बन सकता है IIT (ISM) का हाइड्रोकाइनेटिक टर्बाइन, कैसे आप भी जानिए


धनबाद (DHANBAD): कोयले के सीमित स्टॉक को देखते हुए थर्मल पावर पर अत्यधिक निर्भरता पर गंभीर सोच -विचार हो रहा है. ठीक इसी समय धनबाद स्थित IIT (ISM) एक पोर्टेबल हाइड्रोकाइनेटिक टर्बाइन विकसित किया है, जो हरित ऊर्जा का स्रोत बन सकता है. संस्थान द्वारा हाइड्रोकाइनेटिक टर्बाइन के कुल मिलाकर सात ऐसे मॉडल पहले ही विकसित किए जा चुके है. जिनमें से एक के लिए पेटेंट आवेदन भी किया गया है.
दो दिनों में बन सकता है हाइड्रोकाइनेटिक टर्बाइन
टर्बाइन पर्यावरण पर बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के हरित ऊर्जा प्रदान करते हैं. इन हाइड्रोकाइनेटिक टर्बाइन को दो दिनों की छोटी अवधि में उपकरण जैसे टरबाइन, हाउसिंग/फ्रेम, बेयरिंग, अल्टरनेटर/जनरेटर और बैटरी का उपयोग करके विकसित किया जा सकता है. झारखंड जैसे राज्य के लिए टर्बाइन का विशेष महत्व है, जहां बहुत सारे जल संसाधन उपलब्ध है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग व विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शिवायन सरकार" ने कहा कि , "हाइड्रोकाइनेटिक टर्बाइन लागत प्रभावी हैं और 1 किलोवाट क्षमता की एक टर्बाइन को 2 लाख रुपये की लागत से विकसित किया जा सकता है. टर्बाइनों की क्षमता में वृद्धि के अनुसार लागत धीरे-धीरे बढ़ती है. हालांकि, एक टरबाइन दो दिनों के कम समय में विकसित किया जा सकता है , लेकिन इसकी स्थापना में कुछ महीने लग सकते है.
4+