कैसे होगा विकास, निविदाओं का संवेदक कर रहे बहिष्कार


गोड्डा(GODDA): सूबे में विकास के लिए कई विभागों में निविदाएं निकालकर विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जाता है. मगर जब सरकारी उदासीनता की वजह से ही संवेदक अपने आप को निविदा से अलग रख कर निविदाओं का बहिष्कार करने लगे तो उस क्षेत्र का विकास होना नामुमकिन हो जायेगा.
सरकार के गठन के बाद कोरोना का काल दो वर्षों तक चला, जिससे सभी विकास कार्य ठप्प पड़ गए थे. मगर कोरोना काल की समाप्ति के बाद विकास कार्यों को रफ़्तार देने के लिए विभागीय निविदाएं निकाली जाने लगी तो निविदाओं में त्रुटियों की वजह से संवेदकों ने इसका विरोध कर बहिष्कार करने का मन बनाया.
लगातार तीन दिनों से सभी संवेदक अड़े हैं मांगों पर
शनिवार को नगर थाना परिसर में तीन विभागों NREP, जिला परिषद् और ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की तरफ से लगभग दस करोड़ की 45 योजनाओं का निविदा निकाला गया था, जिसमें संवेदकों से निविदाएं आमंत्रित किये गए थे. मगर, सभी संवेदकों ने एकजुट होकर निविदा का बहिष्कार कर दिया, एक भी निविदा में टेंडर पेपर नहीं डाले गए.
क्यों हो रहा विरोध
इस बाबत संवेदकों ने बताया कि सरकार आज से दस वर्ष पूर्व जो मटेरियल के मूल्य पर निविदाएं निकाला करती थी. आज भी उन्हीं मूल्यों पर निकाल रही जबकि सभी सामग्रियों का मूल्य दो से तीन गुना बढ़ गया है. साथ ही GST जो सरकार भुगतान करती है वो 12% की दर से जबकि हमसे 18% की कटौती की जाती है, जो मान्य नही है. सरकार यदि इन दो बिन्दुओं पर संसोधन नही करती तो हम तब तक निविदोँ का बहिष्कार करते रहेंगे.
रिपोर्ट: अजीत सिंह, गोड्डा
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